Ancient India History Notes on “Bangal ka mahan aakal” History notes in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

बंगाल का महान अकाल

Bangal ka mahan aakal

1 ब्रिटिश नीतियों का सबसे घातक परिणाम भारत मे पड़ने वाले बार बार के अकाल थे! सन 1770 के बंगाल अकाल से उस प्रान्त की 1/3 आबादी मरी थी इस के चलते ही सन्यासी विद्रोह शुरू हुआ था देखे आनंदमठ

अन्तिम अकाल 1943-1944 मे फ़िर बंगाल मे पड़ा था जिसमे कम से कम 40 लाख लोग मरे थे ठीक उस समय जब हिटलर ने यहूदियो का नरसंहार करवाया था तो उस पर तो सारी दुनिया की नजर जाती है उसकी याद मे संग्राहलय बनते है किंतु बंगाल के लोगो की दुर्दशा पर कभी विश्व मंच मे बात भी नही उठी यहा तक की ब्रिटिश सरकार ने उन दिनों जमाखोरी रोकने की कोशिश भी नही की ,उसने जो भोजनालय खुलवाए थे वे ठीक एक वक़्त पे खुलते और बंद होते थे ताकि कोई भूखा व्यक्ति उन मे दो बार ना खा ले !!!!!

इन बड़े अकालों मे हर बार 10-40 लाख लोग मरते थे इनके ठीक बाद महामारी आती थी जो बची कुची आबादी को भी मार देती थी 19 वी शताब्दी के प्रमुख अकाल थे 1868 उत्तर पशिम प्रांत का अकाल, 1866-70 के बीच मद्रास प्रान्त, राजपूताना, उत्तर पशिम प्रान्त, पंजाब, सेन्ट्रल प्रांत का अकाल ,1865 बंगाल, बिहार ,ओडिसा, का अकाल ,1875-76 मे लिटन के काल मे पूरे भारत मे पड़ा अकाल ,1899-1900 के बीच सबसे भयानक अकाल ,1899-1908 के बीच 5 बड़े अकाल इन अकालों की पून्रावर्ती ,जनक्षति,अर्थव्यवस्था के पतन को ब्रिटिश राज का सबसे अमानवीय परिणाम मान सकते है

 

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