Ancient India History Notes on “Chatrapati Shivaji Maharaj”, “छत्रपति शिवाजी महाराज” History notes Bharat ka Madhyakalin Itihas in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

छत्रपति शिवाजी महाराज

Chatrapati Shivaji Maharaj

छत्रपति शिवाजी महाराज (1630-1680) महाराष्‍ट्र के महानायक थे, जिन्‍होंने मुगलों के सामने सबसे पहले गंभीर चुनौती रखी और अंतत: उनके भारत के साम्राज्‍य को प्रभावित किया।

वे अजेय योद्धा और एक प्रशंसा करने योग्‍य सेनानायक थे। उन्‍होंने एक मजबूत सेना और नौ सेना तैयार की। उन्‍होंने 18 साल की अल्‍पावस्‍था में यह संघर्ष करने की भावना सबसे पहले प्रदर्शित की, जब उन्‍होंने महाराष्‍ट्र के अनेक किलों पर फतह प्राप्‍त की। उन्‍होंने अनेक किलों का निर्माण और सुधार भी कराया तथा जासूसी की एक उच्‍च दक्ष प्रणाली का रखरखाव किया। गुरिल्‍ला युद्ध का उपयोग उनकी युद्ध तकनीकी की एक अनोखी और प्रमुख विशेषता थी।

यह शिवाजी की बुद्धिमानी थी कि उन्‍होंने बिखरे हुए लोगों को संगठित किया और एक राष्‍ट्र के निर्माण हेतु उनके बीच मेल कराया, जो उनकी शक्ति और सफलता के नेतृत्‍व से संभव हुआ। शिवाजी नागरिकों, आम जनता की ओर मुड़े और उन्‍हें एक उत्‍कृष्‍ट संघर्ष साधन के रूप में परिवर्तित किया और जिसे दक्षिण के सुल्‍तानों और मुगलों के खिलाफ उन्‍होंने प्रभावी रूप से उपयोग किया।

शिवाजी महाराज द्वारा स्‍थापित राज्‍य ‘हिंदवी स्‍वराज’ के नाम से जाना जाता है, जो समय के दौरान आगे बढ़ा और भारत के शक्तिशाली राज्‍य के रूप में विकसित हुआ। शिवाजी महाराज की मृत्‍यु 1680 में 50 वर्ष की आयु में रायगढ़ नामक स्‍थान पर हुई। उनकी समय से पहले मृत्‍यु के कारण महाराष्‍ट्र के इतिहास में एक गंभीर कमी पैदा हुई।

शिवाजी अपने सिद्धांतों में एक असाधारण व्‍यक्ति थे और उन्‍होंने एक स्‍वतंत्र राज्‍य से अपना जीवन तराशा, शक्तिशाली मुगल साम्राज्‍य को चुनौती दी और अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ी जो भावी पीढियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत सिद्ध हुई।

 

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