Motivational Story “Jab Bhikhari bna data aur raja bana yachak” Hindi Motivational Story for, Primary Class, Class 10 and Class 12

जब भिखारी बना दाता और राजा बना याचक

Jab Bhikhari bna data aur raja bana yachak

एक भिखारी भीख मांगने निकला। उसका सोचना था कि जो कुछ भी मिल जाए, उस पर अधिकार कर लेना चाहिए। एक दिन वह राजपथ पर बढ़ा जा रहा था। एक घर से उसे कुछ अनाज मिला। वह आगे बढ़ा और मुख्य मार्ग पर आ गया।

अचानक उसने देखा कि नगर का राजा रथ पर सवार होकर उस ओर आ रहा है। वह सवारी देखने के लिए खड़ा हो गया, लेकिन यह क्या? राजा की सवारी उसके पास आकर रुक गई। राजा रथ से उतरा और भिखारी के सामने हाथ पसारकर बोला- मुझे कुछ भीख दो। देश पर संकट आने वाला है और पंडितों ने बताया है कि आज मार्ग में जो पहला भिखारी मिले, उससे भीख मांगें तो संकट टल जाएगा। इसलिए मना मत करना। भिखारी हक्का-बक्का रह गया। राजा, देश के संकट को टालने के लिए उससे भीख मांग रहा है। भिखारी ने झोली में हाथ डाला, तो उसकी मुट्ठी अनाज से भर गई। उसने सोचा इतना नहीं दूंगा। उसने मुट्ठी थोड़ी ढीली की और अनाज के कुछ दाने भरे। किंतु फिर सोचा कि इतना भी दूंगा तो मेरा क्या होगा? भिखारी घर पहुंचकर पत्नी से बोला- आज तो अनर्थ हो गया। मुझे भीख देनी पड़ी। पर न देता तो क्या करता। पत्नी ने झोली को उल्टा किया तो उसमें एक सोने का सिक्का निकला। यह देखकर भिखारी पछताकर बोला- मैंने राजा को सभी कुछ क्यों न दिया? यदि मैंने ऐसा किया होता तो आज मेरी जीवनभर की गरीबी मिट जाती।

इस प्रतीकात्मक कथा का संकेत यह है कि दान देने से संपन्नता हजार गुना बढ़ती है। यदि हम हृदय की सारी उदारता से दान करें, तो प्रतिफल में दीर्घ लाभ की प्राप्ति होती है।

 

 

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