Motivational Story “Sufi sant Junnul se juda prasang” Hindi Motivational Story for, Primary Class, Class 10 and Class 12

सूफी संत ज़ुन्नुन से जुड़ा प्रसंग.

Sufi sant Junnul se juda prasang

बहुत पुरानी बात है. मिस्र देश में एक सूफी संत रहते थे जिनका नाम ज़ुन्नुन था. एक नौजवान ने उनके पास आकर पूछा, “मुझे समझ में नहीं आता कि आप जैसे लोग सिर्फ एक चोगा ही क्यों पहने रहते हैं!? बदलते वक़्त के साथ यह ज़रूरी है कि लोग ऐसे लिबास पहनें जिनसे उनकी शख्सियत सबसे अलहदा दिखे और देखनेवाले वाहवाही करें”.

ज़ुन्नुन मुस्कुराये और अपनी उंगली से एक अंगूठी निकालकर बोले, “बेटे, मैं तुम्हारे सवाल का जवाब ज़रूर दूंगा लेकिन पहले तुम मेरा एक काम करो. इस अंगूठी को सामने बाज़ार में एक अशर्फी में बेचकर दिखाओ”.

नौजवान ने ज़ुन्नुन की सीधी-सादी सी दिखनेवाली अंगूठी को देखकर मन ही मन कहा, “इस अंगूठी के लिए सोने की एक अशर्फी!? इसे तो कोई चांदी के एक दीनार में भी नहीं खरीदेगा!”

“कोशिश करके देखो, शायद तुम्हें वाकई कोई खरीददार मिल जाए”, ज़ुन्नुन ने कहा.

नौजवान तुरत ही बाज़ार को रवाना हो गया. उसने वह अंगूठी बहुत से सौदागरों, परचूनियों, साहूकारों, यहाँ तक कि हज्जाम और कसाई को भी दिखाई पर उनमें से कोई भी उस अंगूठी के लिए एक अशर्फी देने को तैयार नहीं हुआ. हारकर उसने ज़ुन्नुन को जा कहा, “कोई भी इसके लिए चांदी के एक दीनार से ज्यादा रकम देने के लिए तैयार नहीं है”.

ज़ुन्नुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब तुम इस सड़क के पीछे सुनार की दुकान पर जाकर उसे यह अंगूठी दिखाओ. लेकिन तुम उसे अपना मोल मत बताया, बस यही देखना कि वह इसकी क्या कीमत लगाता है”.

नौजवान बताई गयी दुकान तक गया और वहां से लौटते वक़्त उसके चेहरे पर कुछ और ही बयाँ हो रहा था. उसने ज़ुन्नुन से कहा, “आप सही थे. बाज़ार में किसी को भी इस अंगूठी की सही कीमत का अंदाजा नहीं है. सुनार ने इस अंगूठी के लिए सोने की एक हज़ार अशर्फियों की पेशकश की है. यह तो आपकी माँगी कीमत से भी हज़ार गुना है!”

ज़ुन्नुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “और वही तुम्हारे सवाल का जवाब है. किसी भी इन्सान की कीमत उसके लिबास से नहीं आंको, नहीं तो तुम बाज़ार के उन सौदागरों की मानिंद बेशकीमती नगीनों से हाथ धो बैठोगे. अगर तुम उस सुनार की आँखों से चीज़ों को परखने लगोगे तो तुम्हें मिट्टी और पत्थरों में सोना और जवाहरात दिखाई देंगे. इसके लिए तुम्हें दुनियावी नज़र पर पर्दा डालना होगा और दिल की निगाह से देखने की कोशिश करनी होगी. बाहरी दिखावे और बयानबाजी के परे देखो, तुम्हें हर तरफ हीरे-मोती ही दिखेंगे”.

 

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