Hindi Essay on “Bharat me Aatankvad”, “ भारत में आतंकवाद ” Hindi Essay for Class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes Exams.

भारत में आतंकवाद

Bharat me Aatankvad

 

मानव एक विवेकशील प्राणी है. वह विचार और भावों में संतुलन रखकर समूची मानवता के कल्याण के लिए कार्य कर सकने में सक्षम है|

उसका अस्तित्व ही उसकी विवेकशीलता पर निर्भर करता है| आंतकवाद मनुष्य के इसी विवेक का हरण कर लेता है| उसे विवेक्शुन्य कर देता है और वह अपनी मानवता से हाथ झाड़कर हिंसक और क्रूर कर्मों में लिप्त हो जाता है|

पशु के स्तर पर उतार जाता है| आंतकवाद चाहे जिस देश में पनपे, वह स्मूची मानवता के लिए अभिशाप है| यदि मनुष्य को मनुष्य बने रहना है तो इस आंतकवाद को समाप्त करना ही होगा| समस्या हीन जीवन, जीवन नहीं मरण है और उन समस्याओं के नीराकरण की ओर प्रवृत्त होना अस्लीजीवन है|

आंतकवादी कार्यवाइयों से आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है| यदि इस प्रकार की सोच पैदा हो जाए तो आंतकवाद जन्म ही ना ले, किंतु क्या इस प्रकार की सोच कभी जन्म लेगी?

 

 

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