Hindi Poem of Shiv Bahadur Singh Bhadoriya “  Dedhi chal jamane ki”,”टेढ़ी चाल जमाने की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

टेढ़ी चाल जमाने की

 Dedhi chal jamane ki

 

सीधी –

सादी पगडंडी पर

टेढ़ी चाल जमाने की ।

एक हक़ीक़त मेरे आगे

जिसकी शक्ल कसाई-सी

एक हक़ीक़त पीछे भी है

ब्रूटस की परछाईं-सी

ऐसे में भी

बड़ी तबीयत

मीठे सुर में गाने की ।

जिस पर चढ़ता जाता हूँ

है पेड़ एक थर्राहट का

हाथों तक आ पहुँचा सब कुछ

भीतर की गर्माहट का

जितना ख़तरा

उतनी ख़ुशबू

अपने सही ठिकाने की ।

 

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