Hindi Short Story, Moral Story “ Ishwar deta he”,”ईश्वर देता हैं” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

ईश्वर देता हैं

Ishwar deta he

 बहुत समय पहले की बात है| एक शहर में एक दयालु राजा रहता था| उस के यहाँ रोज दो भिखारी भीख मांगने आया करते थे| उन में एक भिखारी जवान था और एक भिखारी बूढ़ा था| राजा उनको रोज रोटी और पैसा दिया करता था| भीख लेने के बाद बूढ़ा भिखारी कहता था ईश्वर देता है| जवान भिखारी कहता था हमारे महाराज की देन है| एक दिन राजा ने उन्हे आम दिनों से जादा धन दिया| छोटे भिखारी ने कहा हमारे महाराज की देन है| बूढ़े भिखारी ने कहा ईश्वर की देन है|

यह सुन कर राजा को बहुत गुस्सा आया उसने सोचा इन का भरण पोषण तो मैं करता हूँ और यह भिखारी कहता है की ईश्वर की देन है| राजा ने छोटे भिखारी की और सहायता करने की सोची और अगले दिन राजा ने कहा आज तुम इस नए रस्ते से जाओगे लेकिन पहले छोटा भिखारी जाएगा बाद में बूढ़ा भिखारी जाएगा| यह कहते हुए राजा ने नए रस्ते में एक सोने से भरी थैली रखवा दी ताकि छोटे भिखारी को मिल सके| जब छोटा भिखारी इस नए रस्ते से जा रहा था तो उसने देखा की यह रास्ता काफी चौड़ा और समतल है| उसने सोचा इस रस्ते से में आँखें बंद कर के जा सकता हूँ| जहाँ पर राजा ने सोने की थैली रखी थी छोटा भिखारी वहां से आँखें बंद करके आगे निकल गया और सोने की थैली वहीँ रह गई| कुछ देर बाद जब बूढ़ा भिखारी पीछे से गया तो उसे यह थैली मिल गई| उसने उठाई और भगवान का धन्यवाद किया| अगले दिन जब भिखारी फिर राजा के पास गए तो राजा ने छोटे भिखारी को देखते हुए बोला आप को मेरे भेजे हुए रस्ते में कुछ मिला कि नहीं| छोटे भिखरी ने कहा रास्ता तो बहुत अच्छा था पर मुझे वहां कुछ नहीं मिला|

बूढ़े भखारी ने कहा मुझे एक सोने से भरी थैली मिली जो ईश्वर की देन थी| राजा ने अब निश्चय कर लिया की वह बूढ़े वाले भिखारी को ये दिखा के रहेगा की वह उसका असली पालन करता है| जैसे ही दोनों भिखारी जाने लगे राजा ने छोटे भिखारी को बुलाकर उसे एक कद्दू दिया जो सोने चाँदी से भरा हुआ था| पर ऊपर से बंद था| भिखरी यह नहीं जानता था कि यह कद्दू सोने चाँदी से भरा है| रास्ते में एक दुकान में उसने यह कद्दू बेच दिया| अगले दिन राजा ने उन भिखारियों से पूछा कि बताओ पिछले दिन कोई महत्वपूर्ण घटना घटी हो| छोटे भिखारी ने कहा महाराज जो कद्दू आपने मुझे दिया था वह मेंने एक ब्यापारी को बेच दिया जिस से मुझे थोडा सा धन मिल गया| राजा को बहुत गुस्सा आया पर राजा ने अपने गुस्से को ब्यक्त नहीं किया| बूढ़े भिखारी से कहा क्या तुने भी पहले से जादा कमाया? बूढ़े भिखारी ने कहा, निश्चय ही कमाया है जैसे ही में जा रहा था एक ब्यापारी ने मुझे एक कद्दू दिया| जब घर जाकर मेंने कद्दू को चीरा तो उसमें से सोने चाँदी के सिक्के निकले| उसने कहा ईश्वर देता है|

इसी लिए कहते हैं कि इश्वर की मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं होता है|

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