Hindi Short Story, Moral Story “ Jese ko tesa”, ”जैसे को तैसा” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

जैसे को तैसा

Jese ko tesa

 नदी के किनारे के जंगल में एक ऊँट रहता था। वह बहुत ही सीधा-साधा था। एक दिन उसकी भेंट एक धूर्त सियार से हो गई। सियार ने ऊँट से मित्रता कर ली और उसके साथ ही रहने लगा। एक दिन सियार ने ऊँट से कहा, ऊँट भाई ! चलिए मक्का खाने के लिए नदी के उस पार चलते हैं। ऊँट ने कहा, हमें चोरी नहीं करना चाहिए। इसपर सियार ने कहा, चोरी करने के लिए कौन कहता है? मक्के का खेत तो मेरे एक मित्र का ही है। ऊँट मान गया और सियार को अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार किया। मक्के के खेत में पहुँकर सियार जल्दी-जल्दी मक्का खाने लगा। जब सियार का पेट भर गया तो उसने ऊँट से कहा, ऊँट भाई! मुझे हुँहुँआरी (हुँआ-हुँआ करने का मन) हो रही है। ऊँट के मना करने के बाद भी सियार हुँआ-हुँआ करने लगा। हुँआ-हुँआ की आवाज सुनकर किसान खेत में दौड़ा आया। सियार तो भग गया पर उसने ऊँट की बहुत पिटाई की।

सियार भागकर नदी किनारे आया और नदी पार करने के लिए ऊँट का इंतजार करने लगा। थोड़ी ही देर में लँगड़ाते-लँगड़ाते ऊँट भी नदी के किनारे पहुँचा। नदी पार करने के लिए सियार ऊँट की पीठ पर सवार हो गया। जब ऊँट सियार को लेकर नदी के बीच में पहुँचा तो बोला, सियार भाई! मुझे लोटवाँस (लोटने की इच्छा) लग रही है। इसपर सियार ने कहा, पहले आप मुझे उस पार कर दीजिए और फिर लोटिए। सियार की बातों का ऊँट पर कोई असर नहीं हुआ और वह लोटने लगा। सियार नदी में डूब-डूबकर अधमरा हो गया और किसी प्रकार जान बचाकर इस पार आया। जब यह बात जंगली जानवरों ने सुनी तो कहा, जैसे को तैसा।

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