Hindi Short Story, Moral Story “Tajurbe ka Phal”, ”तजुर्बे का फल” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

तजुर्बे का फल

Tajurbe ka Phal

 बहुत समय पहले की बात है| एक बार एक राजा शिकार खेलने के लिए जंगल में गए| शिकार के पीछे भागते भागते राजा रास्ता भटक गए| भटकते भटकते उन्हें रात हो गई| दूर एक जगह उन्हें रोशनी दिखाई दी वे रोशनी की तरफ बढे| वहां झोपड़ी में एक बुजुर्ग बैठा हुआ मिला| राजाने उस से रास्ता पूछा और कहा कि तुम यहाँ क्या करते हो| बुजुर्ग ने जवाब दिया कि मैं जमीदार की खेती की रखवाली करता हूँ; बदले में मुझे एक पाव आटा रोज का मिलता है| राजा को लगा बुजुर्ग आदमी तजरबे कार है इसको साथ ले चलना चाहिए| राजा ने कहा तुम मेरे साथ चलो में तुम्हें रोज का आधा किलो आटा दे दिया करूँगा| बुजुर्ग तैयार हो गया| दोनों राजमहल में चले गए| बुजुर्ग को एक कमरा देदिया गया| बुजुर्ग वहीँ आराम से रहने लग गया| एक दिन एक घोड़े का व्यापारी घोड़े बेचने आया| राजा को एक घोडा बहुत पसंद आगया उसने सोचा कि इसमें बुजुर्ग कि भी राय ले ली जाय| उसने बुजुर्ग को बुलाया और कहा ये घोडा कैसा है| बुजुर्ग ने घोड़े के शरीर पर हाथ फेरा और बताया कि घोडा तो बहुत सुन्दर है पर गहरे पानी में घोडा बैठ जाएगा|

राजा ने बुजुर्ग की सलाह को न मानते हुए घोडा खरीद लिया| कुछ दिन बाद जब राजा उसी घोड़े पर शिकार के लिए जा रहा था तो रास्ते में एक नदी पर करते हुए जब घोडा गहरे पानी में गया तो बैठ गया| राजा को बुजुर्ग की बात याद आगई वह वापस आगया और बुजुर्ग को बुला कर पूछा कि तुन्हें कैसी पता लगा कि घोडा गहरे पानी में बैठ जाएगा| बुजुर्ग ने बताया कि जब में ने घोड़े के शरीर पर हाथ फेरा तो मुझे उसके जिगर में गर्मी महसूस हुई जिस से लगा कि घोडा गहरे पानी में बैठ जाएगा| राजाने घोड़े के व्यापारी को बुलाकर कारण जानना चाहा व्यापारी ने कहा कि बचपन में इस घोड़े कि माँ मर गई थी तो इसे भैंस का दूध पिलाकर पाला है जिस से इसके जिगर में गर्मी हो गई है| राजा ने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर इनाम में उसे एक पाव आटा और दे दिया| अब बुजुर्ग को तीन पाव आटा रोज का मिलने लगा| एक बार बैठे बैठे राजा के दिमाग में आया कि बुजुर्ग से में अपनी रानी के बारे में क्यों न पूछूं|राजा ने बुजुर्ग को बुलाकर कहा कि आप बहुत तजुर्बे कार हैं, आप मेरी रानी के बारे में भी बताएँ बुजुर्ग ने कहा ठीक है आप रानी को बिलकुल नंगा कर के एक कमरे में बैठा दें तो में रानी के बारे में बता सकता हूँ| राजा ने वैसा ही किया रानी को नंगा करके एक कमरे में बैठा दिया गया| बुजुर्ग ने जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला रानी अंदर को भाग गई|बुजुर्ग वापस आया और राजा को बताया कि आपकी रानी किसी वैश्या की बेटी लगती है|राजाने अपनी सास को बुलाकर कुछ सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि उनकी कोई औलाद नहीं थी इस लिए उन्होंने इस बेटी को एक वैश्या से गोद लिया था|राजा ने बुजुर्ग से पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि रानी वैश्या की बेटी है तो बुजुर्ग ने जवाब दिया किसी भी नंगी औरत के सामने जाने पर औरत अपने अंगों को छिपा कर सिकुड़ कर बैठ जाती है पर रानी मुझे देखते ही भाग गई थी| राजा ने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर उसको इनाम में एक पाव आटा और देदिया| अब बुजुर्ग को एक किलो आटा रोज का मिलने लग गया| एक दिन राजा ने बुजुर्ग को बुला कर पूछा कि अब आप मुझे मेरे बारे में कुछ बताइए|बुजुर्ग ने बेझिझक कहा आप तो किसी बनिए के बेटे हो|राजा को सुन कर गस्सा भी आया और हैरानी भी हुई| राजा उसी समय उठा और अपनी माँ के पास गया| तलवार अपनी गर्दन पर रख कर बोला कि माँ सच सच बता में किसका बेटा हूँ नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगा| माँ डर गई और बताया कि तुम्हारे पिताजी राज्य के काम से बाहर ही रहा करते थे|यहाँ एक मुनीम रहता था तुम उसी की औलाद हो|राजाने बुजुर्ग से आकर पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि में बनिए का बेटा हूँ तो बुजुर्ग ने जवाब दिया कि मैंने आप को लाख लाख टके की एक एक बात बताई और आप ने उसकी कीमत क्या रखी एक पाव आटा? जिस से इस बात का पता चलता है कि आप बनिए के बेटे हो|राजाने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर बुजुर्ग को अपने मंत्री मंडल में शामिल कर लिया|

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