Hindi Short Story, Moral Story “Ghamandi ka Sar nicha”, ”घमंडी का सर नीचा” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

घमंडी का सर नीचा

Ghamandi ka Sar nicha

 

  बहुत समय पहले की बात है, कहीं से एक संत एक गांव में आये, गांवकी चारदीवारी के अन्दर एक पीपल के पेड़ के नीचे धूनी रमाकर रहने लगे और भगवान का भजन करने लगे, धीरे-धीरे गांव वाले भी उनकी शरण में आने लगे, गांव वालों ने उनके लिए एक झोपड़ी भी बनवा दी, कुछ ही समय में साधू बाबा मशहूर हो गए, उसी गांव में एक सेठ भी रहता था जो काफी घमंडी था, वह बाबा से चिढ़ता था और कहता था कि बाबा तो ढोंगी है, ढोंग करता रहता है, उसने कहा कि अगर बाबा सच्चा है तो देवी के शेर को बुलाकर दिखाए,

 जब लोगों ने बाबा को यह बात बताई तो बाबा ने कहा अगर उसकी यही इच्छा है तो उसे में अपने ठाकुर जी से कह कर शेर के दर्शन करा दूंगा, अगले दिन बाबा जंगल में जाकर बड़े दीन भाव से अपने ठाकुर जी को पुकारने लगे भक्त की लाज रखने को प्रभु शेर के रूप में दर्शन दो, दर्शन दो प्रभु, इतने में एक दहाड़ता हुआ शेर प्रकट हुआ और बाबा जी के पास आगया, बाबा जी ने उसे अपने कपडे से बांध लिया और कहा चलो प्रभु मेरे साथ, शेर बाबा के साथ ऐसे चल रहा था जैसे पाली हुई बकरी, शेर को आता हुआ देख कर द्वारपाल ने डर से गांव के दरवाजे बंद कर दिए, शेर दरवाजा खोल कर बाबा के साथ अन्दर आगया, जैसे ही बाबा शेर को लेकर सेठ के घर के आगे आए सेठ दरवाजे बंद करके छिप गया, बाबा ने कहा दरवाजा तो बंद कर दिया है, इसने तो आपके दर्शन भी नहीं किये, शेर ने पंजा मारा और दरवाजा खोल दिया, बाबा जी शेर के साथ अन्दर चले गए और बोले सेठ जी आप ने शेर से मिलना था तो में ले आया हूँ लो देख लो, यह देख कर सेठ जोर जोर से रोने लगा और बाबा जी के चरणों में गिर पड़ा और मांफी मांगने लगा, सेठ दोनों हाथों को जोड़ कर आखें मूंद, सर झुका कर शेर के आगे खड़ा हो गया, इतने में बाबा और शेर दोनों ही गायब हो गए, शेठ का सर नीचा ही रह गया, इसी लिए कहते हैं की घमंडी का सर नीचा,

 

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