Akbar Birbal Hindi Story, Moral Story “Andho ki sankhya”, ”अंधों की संख्या” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

अंधों की संख्या

 Andho ki sankhya

 यहां पर हमने अकबर-बीरबल के बीच हुए संवादों, घटनाओं को बड़े ही मजेदार तथा रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। जिन्हें अकबर-बीरबल के किस्सों के नाम से जाना जाता है।

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा- बीरबल जरा बताओ तो उस दुनिया में किसकी संख्या अधिक है, जो देख सकते हैं या जो अंधे हैं?

बीरबल बोले, इस समय तुरंत तो आपके इस सवाल का जबाब देना मेरे लिए संभव नहीं है लेकिन मेरा विश्वास है की अंधों की संख्या अधिक होगी बजाए देख सकने वालों की।

बादशाह ने कहा- तुम्हें अपनी बात सिद्ध करके दिखानी होगी, बीरबल ने भी खुशी-खुशी बादशाह की चुनौती स्वीकार कर ली।

अगले दिन बीरबल बीच बाजार में एक बिना बुनी हुई चारपाई लेकर बैठ गए और उसे बुनना शुरू कर दिया, उसके अगल-बगल दो आदमी कागज-कलम लेकर बैठे हुए थे।

थोडी ही देर मे वहां भीड़ इकट्‍ठी हो गई, यह देखने के लिए कि यहां हो क्या रहा है।

वहां मौजूद हर व्यक्ति ने बीरबल से एक ही सवाल पूछा- बीरबल तुम क्या कर रहे हो?

बीरबल के अगल-बगल बैठे दोनों आदमी ऐसा सवाल करने वालों का नाम पूछ-पूछ कर लिखते जा रहे थे, जब बादशाह के कानों तक यह बात पहुंची कि बीच बाजार बीरबल चारपाई बुन रहे हैं, तो वो भी वहां जा पहुंचे और वही सवाल किया- यह तुम क्या कर रहे हो?

कोई जबाब दिए बिना बीरबल ने अपने बगल में बैठे एक आदमी से बादशाह अकबर का भी नाम लिख लेने को कहा, तभी बादशाह ने आदमी के हाथ में थमा कागज का पुलिंदा ले लिया उस पर लिखा था- ‘अंधे लोगों की सूची’

बादशाह ने बीरबल से पूछा इसमें मेरा नाम क्यों लिखा है?

बीरबल ने कहा ‘जहांपनाह, आपने देखा भी कि मैं चारपाई बुन रहा हूं, फिर भी आपने सवाल पूछा कि- मैं क्या कर रहा हूं।

बादशाह ने देखा उन लोगों की सूची में एक भी नाम नहीं था जो देख सकते थे, लेकिन अंधे लोगों की सूची का पुलिंदा बेहद भारी था…।

बीरबल ने कहा- हुजूर, अब तो आप मेरी बात से सहमत हो गए होंगे की दुनिया में अंधों की तादाद ज्यादा है।

बीरबल की इस चतुराई पर बादशाह मंद-मंद मुस्करा दिए।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.