Akbar Birbal Hindi Story, Moral Story “Durga ka darshan”, ”दुर्गा का दर्शन” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

दुर्गा का दर्शन

 Durga ka darshan

 एक बार स्वप्न में बीरबल ने देखा कि

हज़ार मुँह वाली दुर्गा देवी की मूर्ति

महाविक्राल वेश धारण किये सामने खड़ी है .

उसका वेश बड़ा ही भयोत्पादक था . उसे

देखकर पहले तो बीरबल बड़े प्रसन्न हुए

फिर वे उदास हो गए. दुर्गा माता यह

देखकर बड़े आश्चर्य में पड़ गयी और

बोली – बीरबल ! पहले तू मुझे देख कर

प्रसन्न हुआ और फिर उदास हो गया ,

ऐसा क्यों ? क्या तू मुझे देखकर डरता नहीं ?

बीरबल ने हाथ जोड़कर उत्तर दिया – मातेश्वरी !

आप तो जगत माता है . आपसे मुझे क्या डर ?

मुझे तो इस बात का दुःख है कि आपके नासिका

तो हज़ार है परन्तु हाथ दो ही है . जब

हमें जाड़े में जुकाम होता है तो हम तो

दो हाथों से नासिका साफ़ करते-करते

परेशान हो जाते है , तब आप तो जाने किस

तरह साफ़ करती होंगी .बीरबल की बुद्धिमत्ता

पूर्ण बात सुन कर दुर्गा देवी बड़ी प्रसन्न हुई

और उसे संसार का सबसे बड़ा विद्वान होने का

वर देकर अंतर्ध्यान हो गयीं .

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