Tenali Rama Hindi Story, Moral Story on “Tenali Ram Ka bolne vala but”, ”तेनालीराम का बोलने वाला बुत” Hindi Short Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

तेनालीराम का बोलने वाला बुत

 Tenali Ram Ka bolne vala but

 

 यह सुनकर सभी दूसरे दिन से ही झाँकियाँ बनाने में जुट गए। सभी एक से एक बढ़कर झाँकी बनाने की होड़ में लगे थे। झाँकियाँ एक से बढ़कर एक थीं। राजा को सभी की झाँकियाँ नजर आईं मगर तेनालीराम की झाँकी उन्हें कहीं दिखाई नहीं दी।

वह सोच में पड़ गए और फिर उन्होंने अपने दरबारियों से पूछा, ‘तेनालीराम कहीं नजर नहीं आ रहा है। उसकी झाँकी भी दिखाई नहीं दे रही है। आखिर तेनालीराम है कहाँ?’

‘महाराज, तेनालीराम को झाँकी बनानी आती ही कहाँ है? वह देखिए, उधर उस टीले पर काले रंग से रंगी एक झोंपड़ी और उसके आगे खड़ा है एक बदसूरत बुत। यही है उसकी झाँकी तेनालीराम की झाँकी।’ मंत्री ने व्यंग्यपू्र्ण स्वर में कहा।

राजा उस ऊँचे टीले पर गए और तेनालीराम से पूछा, ‘तेनालीराम, यह तुमने क्या बनाया है? क्या यही है तुम्हारी झाँकी?’ ‘

जी महाराज, यही मेरी झाँकी है और मैंने यह क्या बनाया है इसका उत्तर मैं इसी से पूछकर बताता हूँ, कौन है यह?’ कहते हुए तेनालीराम ने बुत से पूछा, ‘बोलता क्यों नहीं? महाराज के सवाल का उत्तर दें।’

‘मैं उस पापी रावण की छाया हूँ जिसके मरने की खुशी में तुम दशहरे का त्यौहार मना रहे हो। मगर मैं मरा नहीं। एक बार मरा, फिर पैदा हो गया। आज जो आप अपने आसपास भुखमरी, गरीबी, अत्याचार, उत्पीड़न आदि देख रहे हैं न…। ये सब मेरा ही किया-धरा है। अब मुझे मारने वाला है ही कौन?’ कहकर बुत ने एक जोरदार कहकहा लगाया।

राजा कृष्णदेव राय को उसकी बात सुनकर क्रोध आ गया। वे गुस्से में भरकर बोले, ‘मैं अभी अपनी तलवार से इस बुत के टुकड़े-टुकड़े कर देता हूँ।’ ‘बुत के टुकड़े कर देने से क्या मैं मर जाऊँगा? क्या बुत के नष्ट हो जाने से प्रजा के दुख दूर हो जाएँगे?’ इतना कहकर बुत के अंदर से एक आदमी बाहर आया और बोला, ‘महाराज, क्षमा करें। यह सच्चाई नहीं, झांकी का नाटक था।’

 

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