Ancient India History Notes on “Bharatiya Swatantrata Sangram ”, “भारतीय स्वoतंत्रता संग्राम” History notes in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

इतिहास : भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम (1857-1947)

Bharatiya Swatantrata Sangram

पुराने समय में जब पूरी दुनिया के लोग भारत आने के लिए उत्‍सुक रहा करते थे। यहां आर्य वर्ग के लोग मध्‍य यूरोप से आए और भारत में ही बस गए। उनके बाद मुगल आए और वे भी भारत में स्‍थायी रूप से बस गए। चंगेज़खान, एक मंगोलियाई था जिसने भारत पर कई बार आक्रमण किया और लूट पाट की। अलेक्‍ज़ेडर महान भी भारत पर विजय पाने के लिए आया किन्‍तु पोरस के साथ युद्ध में पराजित होकर वापस चला गया। हेन सांग नामक एक चीनी नागरिक यहां ज्ञान की तलाश में आया और उसने नालंदा तथा तक्षशिला विश्‍वविद्यालयों में भ्रमण किया जो प्राचीन भारतीय विश्‍वविद्यालय हैं। कोलम्‍बस भारत आना चाहता था किन्‍तु उसने अमेरिका के तटों पर उतरना पसंद किया। पुर्तगाल से वास्‍को डिगामा व्‍यापार करने अपने देश की वस्‍तुएं लेकर यहां आया जो भारतीय मसाले ले जाना चाहता था। यहां फ्रांसीसी लोग भी आए और भारत में अपनी कॉलोनियां बनाई।

अंत में ब्रिटिश लोग आए और उन्‍होंने लगभग 200 साल तक भारत पर शासन किया। वर्ष 1757 ने प्‍लासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश जनों ने भारत पर राजनैतिक अधिकार प्राप्‍त कर लिया। और उनका प्रभुत्‍व लॉर्ड डलहौजी के कार्य काल में यहां स्‍थापित हो गया जो 1848 में गवर्नर जनरल बने। उन्‍होंने पंजाब, पेशावर और भारत के उत्तर पश्चिम से पठान जनजातियों को संयुक्‍त किया। और वर्ष 1856 तक ब्रिटिश अधिकार और उनके प्राधिकारी यहां पूरी मजबूती से स्‍थापित हो गए। जबकि ब्रिटिश साम्राज्‍य में 19वीं शताब्‍दी के मध्‍य में अपनी नई ऊंचाइयां हासिल की, असंतुष्‍ट स्‍थानीय शासकों, मजदूरों, बुद्धिजीवियों तथा सामान्‍य नागरिकों ने सैनिकों की तरह आवाज़ उठाई जो उन विभिन्‍न राज्‍यों की सेनाओं के समाप्‍त हो जाने से बेरोजगार हो गए थे, जिन्हें ब्रिटिश जनों ने संयुक्‍त किया था और यह असंतोष बढ़ता गया। जल्‍दी ही यह एक बगावत के रूप में फूटा जिसने 1857 के विद्रोह का आकार‍ लिया।

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