Hindi Short Story, Moral Story “  Chupan Chupai”, ”छुपन-छुपाई” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

छुपन-छुपाई

 Chupan Chupai

 

 छुपन-छुपाई

 मीना दीपू,सुनील,सुमी और रानो के साथ छुपन-छुपाई खेल रही है।

सबसे पहले मीना की बारी…..फिर आती है बारी दीपू की…..कि तभी रोहन वहां पहुँच जाता है।

सुमी- मीना, ये रोहन भईया हैं,पाशा के मौसी जी के बेटे….शहर के कॉलेज में पढाई कर रहे हैं,शायद अब आख़िरी साल में होंगे। ……दो साल पहले रोहन भईया पाशा के घर रहने आये थे।  तो हम तीनों, रोज़ शाम को पाशा के आँगन में खूब खेला करते थे।

दीपू कहता है, ‘ये तो इतने बड़े हैं इनके साथ खेलने में बिलकुल भी मज़ा नहीं आएगा। ’

सब खेलना शुरु करते हैं।  दीपू रानो को आउट कर देता है।  दीपू और रानो ने देखा कि सुमी घास के ढेर की तरफ से उनकी तरफ चली आ रही है…रोहन भी उसके पीछे-पीछे चला आ रहा था।  सुमी ने जोर से आवाज़ देके मीना और सुनील को बुलाया।  मीना और सुनील भाग के वहां आ गए।  सुमी बहुत गुस्से में लग रही थी।

सुमी- मैं घर जा रही हूँ मीना।

मीना उसे आवाज़ देती रही और सुमी वहां से चली गयी।

रोहन- जाने दो, चलो हम लोग खेलते हैं।

मीना रोहन के सिर पर घास लगी देखकर रोहन से पूंछती है, ‘रोहन भईया,क्या आप सुमी के साथ ही घास के ढेर में छूपे थे?’

रोहन हडबडा के वहां से चला गया।  उसके जाने के बाद मीना अपने दोस्तों को लेके सुमी के घर पहुंची ….उन्होंने देखा सुमी अपने घर से थोड़ी दूर एक पेड़ के नीचे बैठी रो रही थी।

तभी बहिन जी भी वहां पहुँच जाती हैं जो बाज़ार तक जा रहीं थी।

बहिन जी- सुमी,…क्या हुआ? तुम रो क्यों रही हो?

मीना बहिन जी को सारी बात बताती है।

सुमी- बहिन जी, मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है।

सुमी बहिन जी को बताती है, ‘बहिन जी, छुपन-छुपाई खेलते समय मैं और रोहन भईया घास के ढेर में छुप गए थे।  रोहन भईया ने मुझे कस के गले से लगा लिया। …..मुझे बहुत बुरा लगा,इसीलिये मैं वहां से भाग आयी।

सुमी की बात सुनने के बाद बहिन जी ने उसकी हिम्मत बढाई और फिर सुमी के घर जाके उसके माता-पिता से इस बारे में बात की।

बहिन जी सुमी को समझाते हुए कहती हैं, ‘….एक बात याद रखना…हमारी मर्जी के बिना हमारे शरीर को छूने का अधिकार किसी को भी नहीं है,किसी रिश्तेदार या सम्बन्धी को भी नहीं। …..किसी को भी नहीं।

सुमी ने बहिन जी को बताया, ‘…उसने कहा था कि ये बात मैंने किसी को बताई तो अच्छा नहीं होगा। ’

बहिन जी सुमी का हौसला बढाती हैं और उसके माता-पिता को बाल संरक्षण समिति के किसी सदस्य से मिलने को कहतीं हैं।

मीना की बहिन जी ने पुलिस में रोहन के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।  पुलिस रोहन को गिरफ्तार करके ले जाती गयी।  और अगले दिन स्कूल में……

बहिन जी बच्चों को समझाती हैं, ‘ …तुम सब अब बड़े हो रहे हो इसीलिए तुम्हें कुछ और चीजों का ध्यान रखना होगा जैसे कि तुम्हे ये भेद करना आना चाहिए कि कोई तुम्हें प्यार से छू रहा है या बुरी नियत से।

…..अगर किसी के छूने से हमें खुशी मिले, प्यार का आभाष हो तो समझो वो हमें अच्छी नियत से छू रहा है।  लेकिन अगर किसी के छूने से बुरा लगे,घबराहट हो या फिर शर्म या गुस्सा आये तो इसका मतलब वो हमें बुरी नियत से छू रहा है।

जब हम ऐसे मामलों में छुप रहते हैं तो गलती करने वालों की और भी हिम्मत मिलती है, इसीलिये ऐसी बातें तुरंत किसी बड़े को बतानी चाहिए।  या चाइल्ड लाइन १०९८ पे फोन करना चाहिए या फिर जिला बाल सुरक्षा अधिकारी को संपर्क करना चाहिए। …….इसमें शर्माने या घबराने की कोई बात नहीं हैं क्योंकि शर्माता तो वो है जो गलती करता है।

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.