Hindi Short Story, Moral Story “  Har Jeev ka mol”, ”हर जीव का मोल” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

हर जीव का मोल

 Har Jeev ka mol

 

 एक राजा था, उन्होंने आज्ञा दी कि संसार में इस बात की खोज की जाए कि कौन से जीव-जंतुओं का उपयोग नहीं है।

 बहुत खोजबीन करने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि संसार में दो जीव ‘जंगली मक्खी‘ और ‘मकड़ी‘ बिल्कुल बेकार हैं।

 राजा ने सोचा- क्यों न जंगली मक्खियों और मकड़ियों को खत्म कर दिया जाए। इसी बीच राजा पर एक अन्य शक्तिशाली राजा ने आक्रमण कर दिया। युद्ध में राजा की हार हुई और जान बचाने के लिए उन्हें राजपाट छोड़कर जंगल में जाना पड़ा।

 शत्रु के सैनिक उनका पीछा करने लगे। काफी दौड़भाग के बाद राजा ने अपनी जान बचाई और थक कर एक पेड़ के नीचे सो गए। तभी एक जंगली मक्खी ने उनकी नाक पर डंक मारा जिससे राजा की नींद खुल गई।

 उन्हें ख्याल आया कि खुले में ऐसे सोना सुरक्षित नहीं है और वे एक गुफा में जा छिपे। राजा के गुफा में जाने के बाद मकड़ियों ने गुफा के द्वार पर जाला बुन दिया।

 शत्रु के सैनिक उन्हें यहां-वहां ढूंढते हुए गुफा के नजदीक पहुंचे। द्वार पर घना जाला देखकर आपस में कहने लगे, ‘अरे चलो आगे, इस गुफा में राजा आया होता तो द्वार पर बना यह जाला क्या नष्ट न हो जाता।‘

भगवान की बनाई दुनिया में हर जीव का मोल है, कब कहां किसकी जरूरत पड़ जाए।

 गुफा में छिपा बैठा राजा ये बातें सुन रहा था। शत्रु के सैनिक आगे निकल गए।

 उस समय राजा की समझ में यह बात आई कि संसार में कोई भी प्राणी या चीज बेकार नहीं। अगर जंगली मक्खी और मकड़ी न होती तो उसकी जान न बच पाती।  

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.