Ancient India History Notes on “Tantya Tope”, “तात्या टोपे” History notes in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

तात्या टोपे

Tantya Tope

सन 1857 ई. के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणीय वीरों में तात्या टोपे को बड़ा उच्च स्थान प्राप्त है। इस वीर ने कई स्थानों पर अपने सैनिक अभियानों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात में अंग्रेज़ी सेनाओं से टक्कर ली थी और उन्हें परेशान कर दिया था। गोरिल्ला युद्ध प्रणाली को अपनाते हुए तात्या टोपे ने अंग्रेज़ी सेनाओं के कई स्थानों पर छक्के छुड़ा दिये थे। तात्या टोपे जो ‘तांतिया टोपी’ के नाम से विख्यात हैं, 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम के उन महान सैनिक नेताओं में से एक थे, जो प्रकाश में आए। 1857 ई. तक लोग इनके नाम से अपरिचित थे। लेकिन 1857 ई. की नाटकीय घटनाओं ने उन्हें अचानक अंधकार से प्रकाश में ला खड़ा किया। इस महान विद्रोह के प्रारंभ होने से पूर्व वह राज्यच्युत पेशवा बाजीराव द्वितीय के सबसे बड़े पुत्र बिठूर के राजा, नाना साहब के एक प्रकार से साथी-मुसाहिब मात्र थे, किंतु स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर के सम्मिलित होने के पश्चात तात्या पेशवा की सेना के सेनाध्यक्ष की स्थिति तक पहुँच गए।

 

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