Hindi Short Story, Moral Story “  Bacho ke chahete friend he Ganesh ji”, ” बच्चों के चहेते फ्रेंड हैं गणेशजी” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

बच्चों के चहेते फ्रेंड हैं गणेशजी

 Bacho ke chahete friend he Ganesh ji

 

 हिन्दू परिवारों में बच्चों को उनके बचपन से ही भगवान के पूजन और उनके रूप का ज्ञान दिया जाने लगता है। घर में दादी-नानी की कहानियां और धार्मिक कर्मकांडों की बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका है। बदलते समय के साथ यह परंपरा भी बदली है। कहानियां वही हैं, सीख वही है लेकिन उसके अंदाज में बदलाव आया है।

 सूचना के युग में अब बच्चों को भगवान के महत्व को समझाना और अधिक रचनात्मक और रुचिकर हो गया है। बच्चों को सबसे ज्यादा देवताओं की बाल लीलाएं लुभाती हैं जिनसे वो अपने आपको भी उनके जैसा बनाने की कोशिश करते हैं। कृष्णा, भीम और रामा के अलावा जो बाल रूप बच्चों में सबसे अधिक प्रिय है, वह है गणेशा।

 भगवान गणेश को सबसे पहले पूजा जाता है। गणेशजी का बाल जीवन भी कई रोचक कहानियों से भरपूर है जिसके चलते बच्चे गणेश को बेहद पसंद करते हैं।

 सभी अद्भुत हिन्दू देवताओं के अलावा भगवान गणेश सभी के करीब हैं और उनकी उपासना हमारे दैनिक जीवन और विचारों में मदद करने के लिए सबसे सक्षम मानी गई है। सभी हिन्दुओं के पहले ईष्ट देवता चुने हुए भगवान गणेश की पूजा अपने आप ही स्वाभाविक रूप से भक्त को अन्य देवताओं की ओर ले जाती है।

 बाल गणेश के जीवन को चरितार्थ कई माध्यमों से किया जाता रहा है। आधुनिकता के दौर में शुरुआत गणेशजी के कॉमिक बुक्स और स्टोरी बुक्स से हुई है। बच्चों को लुभाने वाली रंग-बिरंगे चित्रों से सजी ये किताबें बच्चों को गणेशजी के और करीब ले जाती हैं।

‘लविंग गणेशा‘ और ‘गणेशा स्वीट टूथ’ जैसी एनिमेशन से सजी कई किताबों ने बच्चों को गणेशजी से जुड़ी मान्यताओं, किस्सों और ज्ञान से अवगत कराया है। इस तरह की किताबों ने बच्चों के साथ उनके पालकों को बाल गणेश के जीवन के नए पहलुओं के बारे में पता चल रहा है।

 किताबों के बाद एनिमेटेड फिल्मों ने भी गणेशा के रूप को हर बच्चे के मस्तिष्क पर बैठा दिया है। बाल गणेश और माई फ्रेंड गणेशा जैसी फिल्में इसके सटीक उदाहरण हैं जिनसे बच्चों ने मनोरंजन के साथ गणेशजी की लीलाओं को देखा है। फिल्म निर्देशक भी मानते हैं कि पौराणिक कथाएं और उनके किरदार, उनके हावभाव, उनकी शक्तियां, बहुत ही दिलचस्प होती हैं।

 एनिमेशन और स्पेशल इफेक्ट्स के माध्यम से ये सब अनोखे तरीके से प्रस्तुत किए जा सकते हैं। साथ ही जब भी पौराणिक कथाओं पर आधारित एनिमेशन फिल्म या सीरियल दिखाते हैं तो उस स्लॉट की रेटिंग्स सबसे ज्यादा देखी जा रही है।

 इन फिल्मों ने न सिर्फ मनोरंजन के लिहाज से बच्चों और दर्शकों को बांधे रखा बल्कि कई और नए माध्यमों का सृजन किया है। फिल्मों के अलावा इंटरनेट और मोबाइल पर भी अब गणेशा बच्चों के खास बन गए हैं, खासतौर में मोबाइल क्रांति ने भगवान गणेश को हर बच्चे तक पहुंचा दिया है।

 मोबाइल्स फोन कवर्स, टैटू, टी शर्ट्स, बैंड्स और कई तरह की चीजों ने बड़े तौर पर धार्मिक प्रारूप को बदलकर रख दिया है। इतना ही नहीं, अब स्मार्ट फोन्स में गणेशा गेम्स भी बच्चों की पहली पसंद बन गए हैं। इससे एक बात तो साफ है कि आधुनिक माध्यमों ने अध्यात्म को भी जनमानस तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

 बच्चों में जल्दी सीखने के साथ-साथ समझने की भी अद्भुत क्षमता होती है जिसे सही तरह से ढालने से उसका चरित्र निर्माण होता है। गणेशजी के जीवन से जुड़ी कहानियों से बच्चे कई जटिल चीजों को आसानी से समझ सकते हैं जिसे फिल्म, एनिमेशन और इंटरनेट ने इसे पालकों के लिए और आसान बना दिया है।

 इस गणेश उत्सव में हर घर में गजानन विराजेंगे और सभी अपने जीवन में खुशहाली की कामना से उनकी आराधना करेंगे। बाल गणेश के ये सभी नए रूप बच्चों को इस पर्व के महत्व और गणेशजी के स्वरूप को समझने में सहायक होंगे।  

 

 

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