Hindi Short Story, Moral Story “  Kya banna chahte ho?”, ” क्या बनना चाहते हो?” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

क्या बनना चाहते हो?

 Kya banna chahte ho?

 

एक बार एक नवयुवक किसी जेन मास्टर के पास पहुंचा।

 ‘मास्टर, मैं अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूं, कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताएं‘, युवक बोला।

मास्टर बोले, ‘पानी के गिलास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पीयो।‘

युवक ने ऐसा ही किया।

 ‘इसका स्वाद कैसा लगा?‘, मास्टर ने पूछा।

 ‘बहुत ही खराब… एकदम खारा,‘  युवक थूकते हुए बोला।

मास्टर मुस्कुराते हुए बोले, ‘एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक ले लो और मेरे पीछे-पीछे आओ।‘

दोनों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए।

 ‘चलो, अब इस नमक को पानी में डाल दो‘, मास्टर ने निर्देश दिया।

युवक ने ऐसा ही किया।

 ‘अब इस झील का पानी पियो‘, मास्टर बोले।

युवक पानी पीने लगा।

एक बार फिर मास्टर ने पूछा, ‘बताओ इसका स्वाद कैसा है, क्या अभी भी तुम्हें ये खारा लग रहा है?‘

 ‘नहीं, ये तो मीठा है, बहुत अच्छा है‘, युवक बोला।

मास्टर युवक के बगल में बैठ गए और उसका हाथ थामते हुए बोले, ‘जीवन के दुख बिलकुल नमक की तरह हैं, न इससे कम न ज्यादा। जीवन में दुख की मात्रा वही रहती है, बिलकुल वही लेकिन हम कितने दुख का स्वाद लेते हैं यह इस पर निर्भर करता है कि हम उसे किस पात्र में डाल रहे हैं। इसलिए जब तुम दुखी हो तो सिर्फ इतना कर सकते हो कि खुद को बड़ा कर लो… गिलास मत बने रहो, झील बन जाओ।  

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.