One Rank One Pension (OROP) “वन रैंक वन पेंशन ” How to apply, introduction of Yojana and benefits complete guide in Hindi

वन रैंक वन पेंशन

One Rank One Pension (OROP)

5 सितम्बर (5/9/2015) के दिन वन रैंक वन पेंशन (OROP) पर सरकार ने दिया एतिहासिक फैसला | 40 वर्षो के बाद इस पर किसी सरकार से फैसला लिया हैं | रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रेस कांफ्रेंस करके सारी शर्ते सामने रखी | उन्हें साफ़ शब्दों में कहा कि पूर्व सरकार के पास वन रैंक वन पेंशन को लेकर कोई मजबूत रोड मेप नहीं था | इस पुरे OROP में सरकार का एस्टीमेट 10 हजार करोड़ का होगा जो बढ़ता रहेगा | जिससे सरकार पर काफी बदलाव आयेंगे लेकिन यह एक अहम् मुद्दा हैं जिस पर फैसला सुनाना अनिवार्य था |

रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमीत शाह से मीटिंग करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में सरकार की तरफ से अपनी बात रखी जिसमे उन्होंने कहा :

सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागु करने का फैसला ले लिया हैं |

यह पेंशन जुलाई 2014 से लागु की जायेगी |एरियर 4 किश्तों में देने का ऐलान किया गया हैं |

पेंशन रिविसन की अवधि सरकार द्वारा 5 वर्ष रखी गई हैं |

VRS अर्थात पूर्व रिटायरमेंट लेने वाले सैनिक को वन रैंक वन पेंशन के तहत लाभ नहीं मिलेगा |

VRS के मुद्दे को लेकर सरकार अभी भी विचार में हैं इसलिए इसके लिए एक कमेटी बनाई जायेगी जो छह महीने में फैसला सुनाएगी |

सैनिको की विधवाओ को एक मुश्त पैसा दिया जायेगा |

रक्षा मंत्री की कांफ्रेंस के बाद पूर्व जनरल सतबीर सिंह ने अपनी बात कही | उन्होंने 40 वर्षो से अटके इस मामले पर सरकार की सकारात्मक भूमिका की प्रशंसा की लेकिन वे अभी सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं | उनका कहना हैं अभी सरकार ने orop के तहत 6 बड़े मुद्दों में से एक पर ही हामी भरी हैं ऐसे में वे इस फैसले का सम्मान नहीं कर सकते |

सतबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि VRS के अंतर्गत आने वाले सैनिकों की संख्या लगभग 40 % हैं | ऐसे में उन्हें इस पेंशन की सुविधायें ना देना उन्हें मान्य नहीं हैं |छह महीने के लिए बनाई जाने वाली कमेटी में डिफेंस के दो पूर्व सैनिक को शामिल किया जाये ऐसा सतबीर सिंह ने कहा हैं |प्रति पाँच वर्षों में किया जाने वाला रिव्यु भी उन्हें मान्य नहीं हैं |

अनशन पर बैठे सैनिको के विषय में सतबीर ने अभी स्पष्ट नहीं किया हैं |

इस तरह सरकार एवं पूर्व सैनिको के मध्य तकरार अभी भी जारी हैं | बस ख़ुशी की बात यह हैं कि 40 वर्षों बाद One Rank One Pension लागू की गई हैं |

जाने अब तक का OROP का सफ़र :

सैन्य कर्मियों के लिए लाई जाने वाली पेंशन योजना हैं जिसके अभी तक मन मुताबिक परिणाम ना मिलने पर आज सैन्य दलों ने 30 दिन के आन्दोलन का निर्णय लिया हैं जिसमे उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी खड़े दिखाई देंगे |जिसके लिए पूर्व सैन्य अधिकारी Ex-Servicemen (UFESM) ने सरकार को नोटिस भी दिया हैं | यह आन्दोलन एक रैली के रूप में 640 जिले में निकाली जाएगी जिसमे बहुत शांति एवम समझदारी से काम लिया जायेगा ऐसा कहना हैं वरिष्ठ अधिकारियों का | सरकार को One Rank One Pension scheme के लिए तैयार करने के लिए पूरा सैन्य विभाग एक साथ पटना बिहार से आपना आन्दोलन शुरू करेंगे जो कि राष्ट्र स्तर पर होगा |

समान रैंक समान पेन्शन योजना क्या हैं?

रिटायर्ड सैन्य कर्मियों के लिए सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से समान रैंक समान पेन्शन स्कीम लागू की गयी । 25 सितम्बर 2012 मे नवभारत टाइम्स के अनुसार मंत्री मंडल ने रिटायर्ड सैन्य कर्मियों के लिए समान रैंक, समान पेन्शन योजना लागू करने को मंजूरी दी थी परंतु इसे लागू नही किया गया इस योजना को लागू करने को लेकर देश के प्रधान मंत्री से सैन्य कर्मियों को काफी उम्मीद है । इसके लिए शुरवात मे ही 2300 करोड़ रूपय के अतिरिक्त पेन्शन की घोषणा की गयी थी । उस वक़्त तक करीब 21 लाख सैन्य कर्मियों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद थी ।

वन रैंक वन पेंशन योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधा

समान रैंक समान पेन्शन योजना को लागू करवाने के लिए मिलिट्री कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी । इसके लिए कई रिटायर्ड सैन्य कर्मियों ने अपने मेडल लौटाए तथा कई मोर्चे किए तथा रेलिया निकली ठीक उसकी वक्त सरकार ने एक फैसला लिया और कहा कि

इस समान पेन्शन योजना के अनुसार सैन्य कर्मियों के मध्य पेन्शन की असमानता को खत्म कर दिया जाएगा।

समान रैंक समान पेन्शन योजना के तहत सेना मे पेन्शन के लिए सिपाही स्तर , नायक स्तर तथा हवलदार स्तर पर जनवरी 2006 से 2 साल पहले या फिर 2 साल बाद रिटायर हुये लोगो को इसका पात्र बनाया गया। तथा 2006 से पहले या बाद मे रिटायर हुये अधिकारियों की जगह परिवर्तन कर इन्हे अधिक फायदा पहुचाया गया जैसे कमीशन ऑफिसर को न्यूनतम पे-बैड की जगह न्यूनतम पेन्शन मे डाला गया तथा कमिश्नर, जूनियर कमिश्नर तथा अधिकारियों फोजियों को न्यूनतम पे-बैड की जगह न्यूनतम फिटमेंट मे डाला गया तथा इन्हे अधिक लाभ दिया गया।

इस समान रैंक समान पेन्शन योजना मे यह फैसला भी लिया गया की अगर किसी अधिकारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजन को 30 प्रतिशत की जगह 60 प्रतिशत पेन्शन दी जाएगी।

इस समान रैंक समान पेन्शन योजना के अनुसार जो लोग सिविल सर्विसेस मे है वे भी इस योजना का लाभ लेते हुये दोनों और से पेन्शन ले सकते है।

इस योजना के तहत अगर किसी सैन्य कर्मचारी की संतान मानसिक रूप से कमजोर है तो वह शादी के बाद भी इस योजना का लाभ उठाते हुये पेन्शन ले सकते है।

इन सब बातो के तय हो जाने के बावजूद अब इंतजार है तो बस इस योजना के लागू होने का। हालाकी इस बार बजट मे वित्त मंत्री द्वारा ने 1000 करोड़ रुपय प्रदान किए परंतु इसके बावजूद भी इस समान रैंक समान पेन्शन योजना को बजट मे कोई जगह नही मिली । इन सबके चलते संसद मे मौजूद स्थाई समिति ने इसके लिए निराशा जताई। परंतु सेना प्रमुख दलबीर सिह ने सान 2014 मे यह कहा था कि समान रैंक समान पेन्शन योजना योजना को अप्रैल के अंत तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है । उनके द्वारा यह जानकारी दी गयी की यह फ़ाइल अभी रक्षा मंत्रालय के वित्त विभाग मे है तथा यहा से मंजूरी मिलने के बाद यह फ़ाइल वित्त मंत्रालय भेजी जाएगी । परंतु इस बार भी उनके हाथो निराशा ही लगी।

वन रैंक वन पेंशन योजना के लिए दिए गये बयान

राहुल गाँधी की इन सब प्रतिक्रियाओ के बाद सैन्य अफसरो को सांत्वना देने के लिए 28 मई को नौसैना प्रमुख एड्मिरल राबिन आगे आए उन्होने इस मुद्दे पर रिटायर्ड सैनिक अफसरो को धैर्य बनाए रखने को कहा। उन्होने भारतीय नौसैना कोन्फ्रेंस के अंतिम दिन सैन्य अफसरो को आश्वस्त करते हुये कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर परिंकर OROP योजना को देख रहे है परंतु अंतिम फैसला सरकार पर निर्भर करता है । उन्होने सैन्य अफसरो को संबोधित करते हुये कहा कि यह एक बहुत बड़ा फैसला है इसके लिए उन्हे शांति बनाए रखनी चाहिए । उन्होने कहा कि समान रैंक समान पेन्शन योजना का मुद्दा राबिन धवन ने रक्षा मंत्रालय मे काफी गंभीरता से उठाया है । अभी तक देश मे कुल 25 लाख सैनिक है जो इस योजना से आस लगाए बैठे है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.