Pradhan Mantri Yojana “Madhyahan Bhojan Yojana”, “मध्‍याह्न भोजन योजना” How to apply, introduction of Yojana and benefits complete guide in Hindi

मध्‍याह्न भोजन योजना

Madhyahan Bhojan Yojana

नामांकन बढ़ाने, प्रतिधारण और उपस्थिति तथा इसके साथ-साथ बच्‍चों में पौषणिक स्‍तर में सुधार करने के उद्देश्‍य से 15 अगस्‍त, 1995 को केन्‍द्रीय प्रायोजित स्‍कीम के रूप में प्रारंभिक शिक्षा के लिए राष्‍ट्रीय पौषणिक सहायता कार्यक्रम (एनपी-एनएसपीई) शुरू किया गया था।

वर्ष 2001 में एमडीएमएस पका हुआ मध्‍याह्न भोजन योजना बन गई जिसके तहत प्रत्‍येक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्‍त प्राथमिक स्‍कूल के प्रत्‍येक बच्‍चे को न्‍यूनतम 200 दिनों के लिए 8-12 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन और ऊर्जा के न्‍यूनतम 300 कैलोरी अंश के साथ मध्‍याह्न भोजन परोसा जाना था। स्‍कीम का वर्ष 2002 में न केवल सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्‍त और स्‍थानीय निकायों के स्‍कूलों को कवर करने के लिए अपितु शिक्षा गारंटी स्‍कीम (ईजीएस) और वैकल्पिक तथा अभिनव शिक्षा (एआईई) केन्‍द्रों में पढ़ने वाले बच्‍चों तक भी विस्‍तार किया गया था।

सितम्‍बर, 2004 में स्‍कीम को दालों, वनस्‍पति खाने के तेल, मसालों, ईंधन की लागत और खाना पकाने के लिए जिम्‍मेदार एजेंसी के कार्मिकों को देय मजदूरी और पारिश्रमिक या देय राशि को कवर करने के लिए 1 रु. प्रति बच्‍चा प्रति स्‍कूल दिन की दर से खाना पकाने के लागत के लिए केन्‍द्रीय सहायता के लिए प्रावधान करने के लिए संशोधित किया गया था। परिवहन आर्थिक सहायता को विशेष श्रेणी के राज्‍यों के लिए पहले के अधिकतम 50 रु. प्रति क्विंटल से 100 रु. और अन्‍य राज्‍यों के लिए 75 रु. प्रति क्विंटल तक भी बढ़ाया गया था। खाद्यान्‍नों की लागत, परिवहन आर्थिक सहायता और खाना पकाने में सहायता की लागत के 2 प्रतिशत की दर से स्‍कीम के प्रबंध, मॉनीटरिंग और मूल्‍यांकन के लिए पहली बार केन्‍द्रीय सहायता प्रदान की गई थी। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में गर्मी की छुट्टियों के दौरान मध्‍याह्न भोजन देने के लिए भी प्रावधान किया गया था।

जुलाई, 2006 में स्‍कीम को पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में राज्‍यों के लिए 1.80 रु. प्रति बच्‍चा/स्‍कूल दिन और अन्‍य राज्‍यों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए 1.50 रु. प्रति बच्‍चा/स्‍कूल दिन की खाना पकाने की लागत को बढ़ाने के लिए और संशोधित किया गया था। पौषणिक मानदण्‍ड को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन के लिए संशोधित किया गया था। रसोई-सह-भंडार के निर्माण और स्‍कूलों में रसोई उपकरणों की खरीद में सुविधा देने के उद्देश्‍य से चरणबद्ध ढंग से 60,000 रु. प्रति यूनिट की दर से केन्‍द्रीय सहायता का प्रावधान किया गया था।

अक्‍तूबर 2007 में, स्‍कीम का 3,479 शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्‍लॉकों (ईबीबी) में अपर प्राइमरी स्‍कूलों (अर्थात कक्षा VI से VIII) में पढ़ने वाले बच्‍चों को कवर करने के लिए विस्‍तार किया गया था और स्‍कीम का नाम ‘राष्‍ट्रीय प्राथमिक शिक्षा पौषणिक सहायता कार्यक्रम’ से बदल कर ‘स्‍कूलों में मध्‍याह्न भोजन का राष्‍ट्रीय कार्यक्रम’ कर दिया गया था। अपर प्राथमिक अवस्‍था के लिए पौषणिक मानदण्‍ड 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन निश्चित किया गया था। दिनांक 01.04.2008 से स्‍कीम को देश भर में सभी क्षेत्रों के लिए विस्‍तार दिया गया था।

अप्रैल, 2008 में स्‍कीम को एसएसए के तहत सहायता मान्‍यता प्राप्‍त के साथ-साथ अमान्‍य मदरसा/मक़तब तक और संशोधित किया गया था।

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