Hindi Essay on “Dussehra ka Tyohar ”, “दशहरा का त्योहार” Hindi Essay for Class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes Exams.

दशहरा का त्योहार

Dussehra ka Tyohar 

              दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण और लंबा उत्सव है। पूरे देश में इसे पूरे उत्साह, प्यार, विश्वास और सम्मान के साथ हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। सभी के द्वारा मस्ती करने के लिये ये वाकई अच्छा समय होता है। दशहरा के उत्सव पर स्कूल और कॉलेजों से भी कुछ दिनों की छुट्टी मिल जाती है। ये पर्व हर साल सितंबर और अक्टूबर के महीने में दिवाली के 20 दिन पहले पड़ता है। लोगों को इस त्योंहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है।

               भारत एक ऐसा देश है जो अपनी परंपरा और संस्कृति, मेले और उत्सव के लिये जाना जाता है। यहाँ हर पर्व को लोग पूरे जोशों-खरोश और खुशी के साथ मनाते है। हिन्दू पर्व को महत्व देने के साथ ही इस त्योंहार को पूरी खुशी के साथ मनाने के लिये भारत की सरकार द्वारा दशहरा के इस उत्सव पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की जाती है। दशहरा का अर्थ है ‘बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के राजा राम की जीत’। दशहरा का वास्तविक अर्थ दस सर वाले असुर का इस पर्व के दसवें दिन पर अंत है। पूरे देश में सभी लोगों द्वारा रावण को जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवाँ दिन मनाया जाता है।

               देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार इस उत्सव को लेकर कई सारी कहानियाँ है। इस उत्सव की शुरुआत हिन्दू लोगों के द्वारा उस दिन से हुई जब भगवान राम ने असुर राजा रावण को दशहरा के दिन मार दिया था (हिन्दू कैलेंडर के अश्वयुजा महीने में)। भगवान राम ने रावण को इसलिये मारा क्योंकि उसने माता सीता का हरण कर लिया था और वापस करने के लिये तैयार नहीं था। इसके बाद भगवान राम ने हनुमान की वानर सेना और लक्ष्मण के साथ मिलकर रावण को परास्त किया।

               हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये राजा राम ने चंडी होम कराया था। इसके अनुसार युद्ध के दसवें दिन रावण को मारने का राज जान कर उस पर विजय प्राप्त कर लिया था। अंतत: रावण को मारने के बाद राम ने सीता को वापस पाया। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक असुर का वध किया था। हर क्षेत्र के रामलीला मैदान में एक बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है जहाँ दूसरे क्षेत्र के लोग इस मेले के साथ ही रामलीला का नाटकीय मंचन देखने आते है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.