Hindi Essay on “Rashtriya Ekikaran”, “राष्ट्रीय एकीकरण” Hindi Essay for Class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes Exams.

राष्ट्रीय एकीकरण

Rashtriya Ekikaran 

               लोगों में जाति, धर्म, भाषा, नस्ल आदि में विविधता का एक देश है भारत हालाँकि अंग्रेजी शासन से आजादी के लिये सामान्य क्षेत्र, इतिहास और लगातार लड़ने के प्रभाव के तहत बहुत बार एकता यहाँ भी देखी गयी है। भारत पर राज करने के लिये अंग्रेजों ने यहाँ पर कई वर्षों तक बाँटो और राज करो की नीति अपनायी। हालाँकि विभिन्न धर्म, जाति, नस्ल का होने के बावजूद भी भारतीयों की एकता ने अंग्रेजों को यहाँ से खदेड़ दिया। लेकिन आजादी के बाद अलगाव ने जगह ले ली जिसने भारत को भारत और पाकिस्तान में बाँट दिया।

               भारत विभिन्न धार्मिक समुदायों जैसे हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों की एक भूमि है। यहाँ पर राष्ट्रीय एकीकरण तभी संभव है जब सभी समुदाय एक-साथ शांतिपूर्वक रहें, एक-दूसरे समुदाय की सराहना करें, प्यार करें तथा एक-दूसरे की संस्कृति और परंपरा का सम्मान करें। हरेक समुदाय को उनके मेले, उत्सवों और दूसरे अच्छे दिनों को शांतिपूर्वक देखना चाहिये। हरेक समुदाय को एक दूसरे की मदद के साथ ही धार्मिक त्योंहारो की खुशियों को बाँटना चाहिये। किसी भी धार्मिक समुदाय को कुछ भी ऐसा बुरा नहीं करना चाहिये जो किसी दूसरे धर्म को ठेस पहुँचाये या उस धर्म में मनाही हो।

               विभिन्न धर्मों के लोग अलग-अलग भाषा बोलते हैं जैसे हिन्दी, अंग्रेजी, ऊर्दू, उड़ीया, पंजाबी, बंगाली, मराठी आदि। सभी धर्मों के बीच समानता और सभी जाति के विद्यार्थीयों के लिये समान सुविधा होनी चाहिये। देश के मुख्य विकास के लिये सभी समुदायों के बराबर वृद्धि और विकास और सभी नस्लों के लोगों के बीच समानता लाने के लिये आधुनिक समय में भारत में राष्ट्रीय एकीकरण की तुरंत जरुरत है। भारतीय सरकार ने इस आशा में राष्ट्रीय एकीकरण की परिषद का गठन किया है कि इसके सभी कार्यक्रमों के उद्देश्यों को पूरा करने में यहाँ रहने वाले लोग सहयोग करेंगे।

                 एक पहचान बनाने के लिये राष्ट्र के रहने वाले सभी लोगों का एक संघठित समूह राष्ट्रीय एकीकरण है। राष्ट्रीय एकीकरण एक खास मनोभाव है जो धर्म, जाति, भाषा या पृष्ठभूमि को बिना ध्यान दिये राष्ट्र को एक सामान संबंध में जोड़ता है। हमलोगों को खदु को भारतीय के रुप में पहचानना चाहिये ना कि किसी खास धर्म या जाति के व्यक्ति के रुप में। ये विरासत से समृध देश है हालांकि हमलोग ये नहीं कह सकते कि यहाँ लोगों में पूरी तरह से एकता है। ये देश के युवाओं में जागरुकता फैलने से ही संभव हो पायेगा। एक युवा के रुप में, हम देश का भविष्य हैं इसलिये हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना चाहिये और राष्ट्रीय एकीकरण के लिये जरुरी सभी कदम उठाने चाहिये।

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