Hindi Essay on “Taj Mahal ka Bhraman”, “ताजमहल का भ्रमण” Hindi Essay for Class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes Exams.

ताजमहल का भ्रमण

Taj Mahal ka Bhraman

 

ताजमहल में अंदर जाने के लिये कई प्रवेश द्धार हैं इन्ही पर टिकट भी मिलता है । पहली बार की यात्रा में तो हम इसे समझ ही नही पाये थे । इस इमारत को देखने के लिये काफी समय चाहिये होता है । हम दोनो तो मथुरा से ही गये थे क्योंकि हमारे पास बस का पास था और मथुरा से आगरा ज्यादा दूर भी नही है साथ ही बस की सेवा भी काफी बढिया है ।

हमने अपना होटल भी मथुरा में ही रखा पता नही आगरा में कहां कहां पर होटल ढूंढना पडता । उसमें ही काफी समय लग जाता उसकी बजाय उतना समय घूमने में लगाना उचित था ।  मथुरा में बस में हमारे साथी बना एक परिवार भी हमारे साथ था । जून की गर्मिया थी और ताजमहल बिलकुल भी सुंदर नही लग रहा था क्योंकि उसके पत्थर भी तप रहे थेसो मथुरा से सुबह सुबह चलकर हम लोग आगरा पहुंचे । हमारे साथ एक परिवार और भी था जो कि कल वृंदावन में बस के सफर में हमारे साथ थे । उनके और हमारे बीच में काफी बढिया समझ बन गयी थी ।

 पहली बार में और इतनी भीड में तो आपको पता ही नही चलता है कि आप किधर से आये थे और हम गलती से दूसरे द्धार से निकल गये ।

सुरक्षा व्यवस्था काफी रहती है और टिकट के लिये भी काफी लम्बी लाइन में लगना पड जाता है कभी कभी ।

कुल मिलाकर गर्मी में कभी मत देखने जाना मेरी तो यही राय है क्योंकि वहां की गर्मी देखकर हमारा रोडवेज के पास को भी भूल जाने का मन किया । हमें अब तक तीसरा दिन था । पहले दिन हम घर से चले थे , दूसरे दिन हमने ब्रज घूमा और तीसरे दिन हम आगरा में गर्मी से पस्त हो चुके थे ।

इसी वजह से हमने यहां से जल्दी निकलने का फैसला किया । हां हमने आगरा में आगरा का किला भी देखा पर हम ये जरूर फैसला कर चुके थे कि बस अब बहुत हो चुका अब कहीं ठंडी जगह पर चलते हैं और फिर यहां से हम नैनीताल के लिये चले गये ।

 

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