Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Chinay gyo hamro hi naam”,”छिनाय गयो हमरो ही नाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छिनाय गयो हमरो ही नाम  Chinay gyo hamro hi naam   आजु तो न्योति के बिठाई रे कन्या हलवा पूरी औ’पान सोई बिटेवा,परायी अमानत, चैन गा सब का पलान! …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “ Janam”,”जन्म” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जन्म  Janam   यवनिकाओं खिंचे रहस्यलोक में ढल रहीं अजानी आकृति की निरंतर उठा-पटक, जीवन खींचता विकसता अंकुर कितनी भूमिकाओं का निर्वाह एक साथ नए जन्म की पूर्व-पीठिका . …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Ashwathama”,”अश्वत्थामा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अश्वत्थामा  Ashwathama   जरा सा घी दे दे माई!जरा सा माई दे दे घी! मारता टीस घाव मेरा! प्रभू कल्याण करे तेरा! जरा सा.. घरनिया निकली घर में से, …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Pratham chand”,”प्रथम छंद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रथम छंद  Pratham chand   वह प्रथम छंद, बह चला उमड़ कर अनायास सब तोड़ बंध, ऋषि के स्वर में वह लोक-जगत का आदि छंद! जब तपोथली में जन-जीवन …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Kavariya”,”काँवरिया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

काँवरिया  Kavariya   सावन महीना बम्भोले को हिये धारि त्यागि गृह साधु-भेस धारै है कँवरिया! फूलन-बसन सों रुच-रुच सजी निहारि ग्राम-जुवती बढ़ि आई राह कोर पे, काँवर की सोभा …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Chandan ka Phool”,”चंदन क फूल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चंदन क फूल  Chandan ka Phool   चँदन केर बिरवा मइया तोरे अँगना कइस होई चँदन क फूल! कनिया रहिल माई बाबा से कहलीं, लेइ चलो मइया के दुआर! …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “ Bheravi hu ”,”भैरवी हूँ!” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भैरवी हूँ! Bheravi hu    उठो भैरव, मैं तुम्हारी भैरवी हूँ! यह जगत जो कर्म का पर्याय होता, और जो कि प्रबुद्ध जीवन-मर्म का समवाय होता, रह गया है …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Gangiya ri ati door samunder”,”गंगिया री, अति दूर समुन्दर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गंगिया री, अति दूर समुन्दर  Gangiya ri ati door samunder   नैहर की सुधि आई, हो गंगिया नैहर की सुधि आई! बिछुड़ गईं सब बारी भोरी!  संग सहिलियां आपुन …