Motivational Story “Safalta ka Dwar –  Atamvishvas”,”सफलता का द्वार- आत्मविश्वास” Hindi Motivational Story for, Primary Class, Class 10 and Class 12

सफलता का द्वार- आत्मविश्वास

Safalta ka Dwar –  Atamvishvas

एक बार एक बिज़नेसमैन जो कल तक एक सफल उद्धोगपति था अचानक किसी परेशानी से उसका बिज़नेस डूब गया और उस पर बैंक का कर्ज़ा भी हो गया और अब उसके पास कोई चारा नहीं बचा था| बैंक और सारे लेनदार उसे लगातार पैसे की भरपाई के लिए बोल रहे थे| अब तो उसे अपनी जिंदगी अंधेरे में नज़र आ रही थी| एक बार सुबह पार्क में घूमते हुए उसे एक बूढ़ा व्यक्ति दिखाई दिया| वो बूढ़ा उसके पास आया और उसे परेशान देखकर उससे परेशानी का कारण पूछा |

बिज़नेसमैन ने सारी परेशानी व्रद्ध को बताई, बूढ़े व्यक्ति ने अपनी जेब से अपनी चेकबुक निकाली और एक चेक साइन कर के उसको दिया और कहा कि इससे तुम अपना बिज़नेस फिर से शुरू कर सकते हो और एक साल बाद मुझे ठीक इसी जगह इसी समय मिलना और मुझे मेरे पैसे वापस कर देना | यह कहते हुए बूढ़ा वहाँ से दूर चला गया| बिज़नेसमैन ने जब अपने हाथ में रखे चेक पर नज़र डाली तो वह हैरान रह गया क्यूंकी वो बूढ़ा कोई मामूली व्यक्ति नहीं था उस चेक पर सर वारेन बफ़ेट(एक मशहूर अमेरिकन उद्धयोगपति) के साइन थे और चेक की रकम थी $500,000| उसको खुद पर यकीन नहीं हुआ कि खुद वारेन बफ़ेट ने आकर मेरी परेशानी हल की है | फिर उसने सोचा की ये रकम बैंक और लेनदारों को देने की बजाए वो पहले अपने बिज़नेस को बचाने के लिए संघर्ष करेगा और इमरजेंसी में ही उस चेक का प्रयोग करेगा |

अब तो बिना किसी डर के वह फिर से अपना बिज़नेस बचाने में जुट गया क्यूंकी उसे पता था कि अगर कोई परेशानी होगी तो मैं चेक की मदद से बच सकता हूँ | बस फिर क्या था उसने जी तोड़ मेहनत की और एक बार फिर से अपने बिज़नेस को वापस खड़ा कर दिया | आज उस बात को एक साल पूरा हो चुका था और वह चेक भी आज तक ऐसे ही सही सलामत था |

अपना वादा पूरा करने के लिए बिज़नेसमैन जब पार्क में गया तो उसे वहाँ वही बूढ़ा व्यक्ति दिखाई दिया| जैसे ही वह उसके पास आया अचानक एक नर्स पीछे से आई और व्रद्ध को पकड़ के ले गयी और कहा कि वह एक पागलख़ाने से भागा हुआ पागल है जो खुद को हमेशा वारेन बफ़ेट बताता है, यह कहकर नर्स व्रद्ध को ले गयी|

अब वह आदमी एक दम आश्चर्य में था क्यूकी वह बूढ़ा ना तो बफ़ेट था और ना ही वह चेक असली था, जिस पर उसे इतना विश्वास था | उसकी आँखों में आँसू छलक आए क्यूकी उसने आज एक नकली रकम की वजह से जागे अपने आत्मविश्वास से आज सफलता प्राप्त कर ली थी जबकि वह पैसा कुछ था ही नहीं |

तो मित्रों, दुनियाँ मे कुछ भी असंभव नहीं है बस अपना आत्मविश्वश जगाने की ज़रूरत है और एक बार जब आप आत्मविश्वास से भरपूर हो जाएँगे तो दुनियाँ की कोई बंदिश आपको नहीं रोक सकती |

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