Akbar Birbal Hindi Story, Moral Story “ Rakhpat aur rakhapat”, ”राखपत और रखापत” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

राखपत और रखापत

 Rakhpat aur rakhapat

 एक बार दिल्ली दरबार में बैठे हुए बादशाह अकबर ने अपने नवरत्नों से पूछा- ‘भई, यह बताओ सबसे बडा़ पट यानी शहर कौन-सा हैं।’

पहले नवरत्न ने कहा ‘सोनीपत’।

दूसरा नवरत्न -‘हुजूर, पानीपत सबसे बडा, पत हैं।

तीसरे नवरत्न ने लम्बी हांकी- ‘नहीं जनाब, दलपत से बडा़ पत और कोई दूसरा नहीं हैं।

चौथे नवरत्न ने अपना राग अलापा- ‘सबसे बडा़ पत तो दिल्लीपत यानी दिल्ली शहर हैं।

बीरबल चुपचाप बैठे हुए सारी बातें सुन रहे थे। बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा तुम भी कुछ बोलो।

बीरबल ने कहा- ‘सबसे बडा़ पत हैं ‘राखपत’ और दूसरा बडा़ पत हैं ‘रखापत’।’

बादशाह अकबर ने पूछा- ‘बीरबल हमने सोनीपत, पानीपत दलपत और दिल्लीपत सब पत सुन रखे हैं। पर राखपत, रखापत किस शहर के नाम हैं।

बीरबल बोले ‘हुजूर राखपत का मतलब हैं मैं आपके रखूं और रखापत का मतलब हैं आप मेरी बात रखो। यह मेलजोल और प्रेमभाव जिस पत में नहीं है, उस पत का क्या मतलब हैं। प्रेमभाव हैं तो जंगल में भी मंगल हैं और प्रेमभाव नहीं तो नगर भी नरक का द्वार हैं।

बादशाह अकबर बीरबल की बातों को सुनकर बहुत खुश हुए और उन्हें कई इनामों से नवाजा।

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