Hindi Poranik Katha “Laxmi Ji ki Mukti”, ”लक्ष्मी जी की मुक्ति” Hindi Dharmik Katha for Class 9, Class 10 and Other Classes

लक्ष्मी जी की मुक्ति

Laxmi Ji ki Mukti 

 कहते हैं कि राजा बलि के कारागर में श्री लक्ष्मी जी सब देवताओं के साथ बंधन में थीं। आज के दिन ही कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवान विष्णु जी ने वामन अवतार धारण कर उन सबको बंधन से छुड़ाया था। बंधन मुक्त होते ही सभी देवता भगवती श्री लक्ष्मी जी के साथ क्षीर-सागर में जाकर सो गए थे।

अतः कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवान गणेश जी व भगवती लक्ष्मी जी की सुंदर नई मूर्तियों का पूजन किया जाता है। उनके शयन (सोने) का सुंदर प्रबंध किया जाता है, जिससे वे क्षीर-सागर न जाकर अपने घर में ही प्रतिष्ठित रहें।

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