Pradhan Mantri Yojana “Gold Monetisation Scheme ”, “गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम” How to apply, introduction of Yojana and benefits complete guide in hindi

गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम

Gold Monetisation Scheme

अगर आपके पास आपकी जरूरत से अधिक सोना है तथा वह सिर्फ आपकी तिजोरी मे रखा हुआ है और आपके किसी काम का नहीं है तो आप उसका लाभ ले सकते है इसके लिए आपको अपना सोना बैंक मे रखना होगा तथा बैंक आपको उसके एवज मे ब्याज देगा | यह ब्याज ठीक उसी तरह मिलेगा जैसे एफ़डी पर मिलता है। आपको इस सोने के एवज मे मिलने वाले ब्याज पर कोई इनकम टेक्स या पूंजीगत लाभ कर/ टैक्स नहीं लगेगा।

गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना शुरू की जाने वाली तिथी :

सरकार ने इस साल बजट मे गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम योजना की घोषणा की थी। यह योजना गोल्ड डिपाजिट स्कीम के स्थान पर शुरू की गई हैं | इसमें कई संशोधन किये गये हैं जिसके बाद गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम की घोषणा की गई थी और अब 5 नवंबर 2015 को यह योजना लागु की जा रही हैं |

गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना के अंतर्गत आने वाली शर्ते :

योजना का मूल रूप :अगर कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे कम से कम 30 ग्राम सोना जमा करना होगा। इस योजना के अंतर्गत अधिक्तम सोने की मात्रा का निर्धारण नही किया गया हैं | अर्थात जमाकर्ता 30 ग्राम से लेकर अपनी इच्छानुसार सोना जमा कर सकता हैं |इस सोने के एवज में बैंक द्वारा ग्राहक को ब्याज दिया जायेगा | इस स्वर्ण जमा खाते पर वही नियम लागू होंगे जो सामान्यतः किसी जमा खाते पर होते हैं |

योजना के तहत शर्ते :

सोना जमा करने की अवधि कम से कम 1 साल होनी चाहिए | एक साल से कम अवधि के लिए सोना जमा नहीं किया जा सकता |

जमा किया जाने वाला सोना ज्वेलरी, सिक्के, बिस्किट किसी भी रूप मे हो सकता है।

गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम का फायदा कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति का उठा सकता हैं |

ब्याज संबंधी शर्ते :

ब्याज का मूल्यांकन सोने के रूप मे किया जाएगा। मतलब ग्राहक यदि 100 ग्राम सोना जमा करता है तो बैंक उसे 5 प्रतिशत ब्याज देता है तथा समय पूरा होने पर ग्राहक के खाते मे 105 ग्राम सोना होगा। ग्राहक चाहे तो 105 ग्राम सोना ले सकता है लेकिन वही सोना नहीं मिलेगा जो ग्राहक के द्वारा जमा किया गया था।

सोना जमा करने के बाद ब्याज उस दिन से शुरू होगा जब सोने की पूरी तरह जांच हो जाने पर उसे प्रमाणित किया जा चूका होगा | इसके लिए 30 दिन की अवधि दी गई हैं |

इसमे ब्याज दर बैंक अपने हिसाब से तय करेगी तथा आप यह ब्याज नगद तथा सोने दोनों के रूप मे ले सकते है परंतु यह सोना जमा करते वक़्त तय करना होगा की आप ब्याज किस रूप मे लेना चाहते है। तथा आप इसे एफ़डी की ही तरह समय से पहले ही तोड़ भी सकते है।

सोना संबंधी शर्ते

यू तो सोना 20, 22 तथा 24 कैरेट का होता है ऐसे मे सवाल यह उठता है की इसकी कीमत कैसे तय होगी। देश मे मानक ब्यूरो द्वारा मान्यता प्राप्त 350 होलमार्क केंद्र है | जहाँ से ही सोने की शुद्धता की जाच करवानी होगी। तथा इन केन्द्रो से प्राप्त सर्टिफिकेट के आधार पर ही सोना बैंको मे रखा जाएगा।

जमा कार्ता द्वारा जमा किये गये सोने का परिक्षण किया जायेगा | प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही जमा कर्ता इस योजना का लाभ उठा सकेंगे |

लॉक इन पीरियड संबंधी शर्ते :

इस योजना के तहत तीन लॉक इन पीरियड होंगे :

शॉर्ट टर्म : (1-3 वर्ष)

मीडियम टर्म : (5-7 वर्ष )

लॉन्ग टर्म : (12-15 वर्ष )

इसके अलावा अगर कोई मेच्युरिटी टाइम के पहले इसे बंद करना चाहता हैं तो इसके लिये सभी बैंक में अपने हिसाब से शर्ते बनाई गई हैं |

इस योजना के सरकार व बैंको को फायदे

माना जा रहा है कि घरो तथा अन्य संस्थानो मे करीब 20 हजार टन सोना पड़ा हुआ है जिसकी कीमत करीब 60 लाख करोड़ रूपये है। अगर यह सोना बैंको के पास आता है तो बाजार मे लिक्विडिटी बढ़ेगी ।

सोने की खपत सबसे ज्यादा भारत मे होती है। हर साल 800 से 1000 टन सोना आयात किया जाता है। आयात कम होगा तो विदेशी मुद्रा बचेगी ।

बैंक विदेशी मुद्रा के लिए ये सोना बेच सकेगी। मिली विदेशी मुद्रा से कर्ज दे सकेंगे। तथा बैंक इनके सिक्के बनाकर अन्य ग्राहको को भी बेच सकती है। कमोडिटी एक्स्चेंज पर ट्रेडिंग भी हो सकती है।

गोल्ड मोनेटाईजेशन लाभ

इस योजना के तहत गोल्ड जमा करने पर धारक को ब्याज मिलता हैं |

इससे व्यक्ति घर में पड़ा सोना उपयोग कर सकता हैं |

इससे देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा |

इस योजना के तहत देश में सोना आयात कम होगा | निर्यात भी करना संभव हो सकेगा |

बैंक को भी इस योजना से फायदा होगा |

इस योजना के तहत अधिकतम की कोई सीमा नहीं हैं इसका फायदा ग्राहक को मिलेगा |

 

गोल्ड मोनेटाईजेशन हानी

इस योजना के तहत गोल्ड जमा करने पर आपका सोना उपयोग में ले लिया जायेगा | समयावधि पूरी होने पर अथवा आपके अनुसार जब भी आपको सोना चाहिये आपको सोना आपके मूर्त रूप में नही मिलेगा |

सोने की जाँच की जायेगी उसके अनुसार जितना सोना होगा उतना ही ब्याज मिलेगा | और कोई भी गोल्ड आभूषण में पूरा प्रतिशत सोना नही होता | इसका नुकसान धारक को हो सकता हैं |

इससे धारक को उतना भी ब्याज नहीं मिलेगा जितना उसे अन्य पालिसी के तहत मिलता हैं |

इसमें व्यक्ति को अपने चहेते सोने के आभूषण का मोह छोड़ना होगा |

बैंक के द्वारा ब्याज दर लगाई जायेगी जो कम भी आँकी जा सकती हैं और कुछ बैंक में ब्याज के रूप में सोने के बदले पैसा ब्याज में दिया जा सकता हैं |

इस योजना के तहत न्यूनतम मात्रा फिक्स की गई हैं जिसके कारण कई लोग जिनके पास कम सोना हैं लेकिन वे इसमें इन्वेस्ट करना चाहते हैं स्वत: ही योजना से बाहर हो जायेंगे | इस कारण कुछ लोग चाहकर भी हिस्सा नहीं बन पायेंगे |

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