Hindi Dharmik Katha, Hindi Poranik katha on “Shiv ka Ardhnarishwar Avtar”, “शिव का अर्धनारीश्वर अवतार” Hindi Prernadayak Story for All Classes.

शिव का अर्धनारीश्वर अवतार

Shiv ka Ardhnarishwar Avtar

भगवान शंकर का यह अवतार हमें बताता है कि समाज, परिवार व सृष्टि के संचालन में पुरुष की भूमिका जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही स्त्री की भी है। अर्धनारीश्वर अवतार लेकर भगवान ने यह संदेश दिया है कि समाज तथा परिवार में महिलाओं को भी पुरुषों के समान ही आदर व प्रतिष्ठा मिले। शिवपुराण के अनुसार, सृष्टि में प्रजा की वृद्धि न होने पर ब्रह्मा चिंतित हो उठे। तभी आकाशवाणी हुई- ब्रह्म! मैथुनी सृष्टि उत्पन्न कीजिए। यह सुनकर ब्रह्माजी ने मैथुनी सृष्टि उत्पन्न करने का संकल्प किया। परंतु तब तक शिव से नारियों का कुल उत्पन्न नहीं हुआ था। तब ब्रह्मा ने शक्ति के साथ शिव को संतुष्ट करने के लिए तपस्या की । ब्रह्मा की तपस्या से परमात्मा शिव संतुष्ट हो ‘अर्धनारीश्वर का रूप धारण कर उनके समीप गए और अपने शरीर में स्थित देवी शिवा/शक्ति के अंश को पृथक कर दिया। इसी के बाद सृष्टि का विस्तार हुआ।

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