Hindi Poem of Ajay Pathak “Badal ka pani , “बादल का पानी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बादल का पानी -अजय पाठक

Badal ka pani – Ajay Pathak

बरस गया बादल का पानी!
बिजली चमकी दूर गगन में,

कंपन होते प्राण भवन में,
तरल-तरल कर गई हृदय को,
निष्ठुर मौसम की मनमानी।
बरस गया बादल का पानी!

धुली आस कोमल अंतर की,
बही संपदा जीवन भर की,
फिर भी लेती रहीं लहरियाँ
हमसे निधियों की कुरबानी।
बरस गया बादल का पानी!

धार-धार में तेज़ लहर है,
लहरों में भी तेज़ भँवर है,
सपनों का हो गया विसर्जन,
घेरे आशंका अनजानी।
बरस गया बादल का पानी!

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.