Hindi Poem of Kanhaiya Lal Matt “Totali Budhiya, “तोतली बुढ़िया ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तोतली बुढ़िया – कन्हैयालाल मत्त

Totali Budhiya -Kanhaiya Lal Matt

एक तोतली बुढ़िया माई
घुमा रही थी तकली
उसके बड़े पोपले मुंह में
दांत लगे थे नकली

‘तोता’ जब कहना होता था
कह जाती थी ‘टोटा’
‘गोता’ का ‘गोटा’ हो जाता
‘सोता’ बनता ‘टोटा’

भोली-भाली शक्ल बनाकर
पहुँचे टुनमुन भाई
काट रही थी जहां बैठकर-
तकली बुढ़िया माई

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