Hindi Poem of Kunwar Narayan “Kisi pavitra ichcha ki ghadi me“ , “किसी पवित्र इच्छा की घड़ी में ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किसी पवित्र इच्छा की घड़ी में
Kisi pavitra ichcha ki ghadi me

व्यक्ति को
विकार की ही तरह पढ़ना
जीवन का अशुद्ध पाठ है।

वह एक नाज़ुक स्पन्द है
समाज की नसों में बन्द

जिसे हम किसी अच्छे विचार
या पवित्र इच्छा की घड़ी में भी
पढ़ सकते हैं ।

समाज के लक्षणों को
पहचानने की एक लय
व्यक्ति भी है,
अवमूल्यित नहीं

पूरा तरह सम्मानित
उसकी स्वयंता
अपने मनुष्य होने के सौभाग्य को
ईश्वर तक प्रमाणित हुई!

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.