Hindi Poem of Mahadevi Verma “Dhoop sa tan deep si mein ”, “धूप सा तन दीप सी मैं” Complete Poem for Class 10 and Class 12

धूप सा तन दीप सी मैं -महादेवी वर्मा

Dhoop sa tan deep si mein – Mahadevi Verma

 

धूप सा तन दीप सी मैं!

उड़ रहा नित एक सौरभ-धूम-लेखा में बिखर तन,
खो रहा निज को अथक आलोक-सांसों में पिघल मन
अश्रु से गीला सृजन-पल,
औ’ विसर्जन पुलक-उज्ज्वल,
आ रही अविराम मिट मिट
स्वजन ओर समीप सी मैं!

सघन घन का चल तुरंगम चक्र झंझा के बनाये,
रश्मि विद्युत ले प्रलय-रथ पर भले तुम श्रान्त आये,
पंथ में मृदु स्वेद-कण चुन,
छांह से भर प्राण उन्मन,
तम-जलधि में नेह का मोती
रचूंगी सीप सी मैं!

धूप-सा तन दीप सी मैं!

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