Hindi Poem of Piyush Mishra “ Ek bagal me chand hoga ”,”इक बगल में चाँद होगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इक बगल में चाँद होगा

Ek bagal me chand hoga 

 

इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ

इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ

हम चाँद पे, हम चाँद पे,

रोटी की चादर डाल कर सो जाएँगे

और नींद से, और नींद से कह देंगे

लोरी कल सुनाने आएँगे

इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ

इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ

हम चाँद पे, रोटी की चादर डाल के सो जाएँगे

और नींद से कह देंगे लोरी कल सुनाने आएँगे

एक बगल में खनखनाती, सीपियाँ हो जाएँगी

एक बगल में कुछ रुलाती सिसकियाँ हो जाएँगी

हम सीपियो में, हम सीपियो में भर के सारे

तारे छू के आएँगे

और सिसकियो को, और सिसकियो को

गुदगुदी कर कर के यूँ बहलाएँगे

और सिसकियों को, गुदगुदी कर कर के यूँ बहलाएँगे

अब न तेरी सिसकियों पे कोई रोने आएगा

गम न कर जो आएगा वो फिर कभी ना जाएगा

याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी

लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी

याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी

लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी

होनी और अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जान

हद से ज़्यादा ये ही होगा कि यहीं मर जाएँगे

हम मौत को, हम मौत को सपना बता कर

उठ खड़े होंगे यहीं

और होनी को, और होनी को ठेंगा दिखा कर

खिलखिलाते जाएँगे ,

और होनी को ठेंगा दिखा कर खिलखिलाते जाएँगे

और होनी को ठेंगा दिखा कर खिलखिलाते जाएँगे

 

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