Hindi Poem of Pradeep’“Hamne jag ki ajab tasveer dekhi, “हमने जग की अजब तस्वीर देखी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हमने जग की अजब तस्वीर देखी – प्रदीप

Hamne jag ki ajab tasveer dekhi -Pradeep

हमने जग की अजब तस्वीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 ये प्रभु की अद्भुत जागीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 हमे हँसते मुखड़े चार मिले

 दुखियारे चेहरे हज़ार मिले

 यहाँ सुख से सौ गुनी पीड़ देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 हमने जग की अजब तस्वीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 दो एक सुखी यहाँ लाखों में

 आंसू है करोड़ों आँखों में

 हमने गिन गिन हर तकदीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 हमने जग की अजब तस्वीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 कुछ बोल प्रभु ये क्या माया

 तेरा खेल समझ में ना आया

 हमने देखे महल रे कुटीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

 हमने जग की अजब तस्वीर देखी

 एक हँसता है दस रोते हैं

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