Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“Aage badhe Chalenge, “आगे बढ़े चलेंगे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आगे बढ़े चलेंगे – रामनरेश त्रिपाठी

Aage badhe Chalenge – Ramnaresh Tripathi

 

यदि रक्त बूँद भर भी होगा कहीं बदन में

 नस एक भी फड़कती होगी समस्त तन में ।

 यदि एक भी रहेगी बाक़ी तरंग मन में ।

 हर एक साँस पर हम आगे बढ़े चलेंगे ।

 वह लक्ष्य सामने है पीछे नहीं टलेंगे ।।

 मंज़िल बहुत बड़ी है पर शाम ढल रही है ।

 सरिता मुसीबतों की आग उबल रही है ।

 तूफ़ान उठ रहा है, प्रलयाग्नि जल रही है ।

 हम प्राण होम देंगे, हँसते हुए जलेंगे ।

 पीछे नहीं टलेंगे, आगे बढ़े चलेंगे ।।

 अचरज नहीं कि साथी भग जाएँ छोड़ भय में ।

 घबराएँ क्यों, खड़े हैं भगवान जो हृदय में ।

 धुन ध्यान में धँसी है, विश्वास है विजय में ।

 बस और चाहिए क्या, दम एकदम न लेंगे ।

 जब तक पहुँच न लेंगे, आगे बढ़े चलेंगे ।।

 

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