Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Na muh chupa ke jiyo“ , “न मुँह छुपा के जियो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

न मुँह छुपा के जियो

 Na muh chupa ke jiyo

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो

ग़मों का दौर भी आये तो मुस्कुरा के जियो

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो

घटा में छुपके सितारे फ़ना नहीं होते

अँधेरी रात में दिये जला के चलो

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो

ना जाने कौन-सा पल मौत की अमानत हो

हर एक पल की खुशी को गले लगा के जियो

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो

ये ज़िंदगी किसी मंज़िल पे रुक नहीं सकती

हर इक मक़ाम पे क़दम बढ़ा के चलो

न मुँह छुपा के जियो और न सर झुका के जियो

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.