Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Tum agar saath dene ka vada karo“ , “तुम अगर साथ देने का वादा करो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम अगर साथ देने का वादा करो

 Tum agar saath dene ka vada karo

तुम अगर साथ देने का वादा करो

मैं यूँही मस्त नग़मे लुटाता रहूं

तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो

मैन तुम्हें देखकर गीत गाता रहूँ,

तुम अगर…

कितने जलवे फ़िज़ाओं में बिखरे मगर

मैने अबतक किसीको पुकरा नहीं

तुमको देखा तो नज़रें ये कहने लगीं

हमको चेहरे से हटना गवारा नहीं

तुम अगर मेरी नज़रों के आगे रहो

मैन हर एक शह से नज़रें चुराता रहूँ,

तुम अगर…

मैने ख़्वाबों में बरसों तराशा जिसे

तुम वही संग-ए-मरमर की तस्वीर हो

तुम न समझो तुम्हारा मुक़द्दर हूँ मैं

मैं समझता हूं तुम मेरी तक़दीर हो

तुम अगर मुझको अपना समझने लगो

मैं बहारों की महफ़िल सजाता रहूँ,

तुम अगर…

मैं अकेला बहुत देर चलता रहा

अब सफ़र ज़िन्दगानी का कटता नहीं

जब तलक कोई रंगीं सहारा ना हो

वक़्त क़ाफ़िर जवानी का कटता नहीं

तुम अगर हमक़दम बनके चलती रहो

मैं ज़मीं पर सितारे बिछाता रहूँ,

तुम अगर साथ देने का वादा करो …

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