Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Krishan Ji Ka Prithvi par Agman” , “कृष्ण जी का पृथ्वी पर आगमन” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

कृष्ण जी का पृथ्वी पर आगमन

Krishan Ji Ka Prithvi par Agman

 

 

द्वापर युग की बात है, एक बार पृथ्वी पर पाप कर्म बहुत बढ़ गए। सभी देवता चिंतित थे। अपनी समस्या लेकर वे भगवान विष्णु के पास गए।

भगवान विष्णु ने उनकी बात सुनकर उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “चिंता न करें, मैं नर-अवतार लेकर पृथ्वी पर आऊंगा और इसे पापों से मुक्ति प्रदान करूंगा। मेरे अवतार लेने से पहले कश्यप मुनि मथुरा के यदुकुल में जन्म लेकर वसुदेव नाम से प्रसिद्ध होंगे। उनकी दूसरी पत्नी के गर्भ से मेरी सवारी शेषनाग बलराम के रूप में उत्पन्न होंगे और उनकी पहली पत्नी देवकी के गर्भ से मैं ‘कृष्ण’ के रूप में जन्म लूंगा। कुरुक्षेत्र के मैदान में मैं पापी क्षत्रियों का संहार कर पृथ्वी को पापों से भारमुक्त करूंगा।”

वह समय भी जल्द ही आ गया। मथुरा में ययाति वंश के राजा उग्रसेन का राज था। राजा उग्रसेन के पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र कंस था। देवकी का जन्म उन्हीं के यहां हुआ। इस तरह देवकी का जन्म कंस की चचेरी बहन के रूप में हुआ। इधर कश्यप ऋषि का जन्म राजा शूरसेन के पुत्र वसुदेव के रूप में हुआ। बाद में देवकी का विवाह वसुदेव के साथ संपन्न हुआ।

कंस देवकी से बहुत स्नेह करता था। पर एक बार आकाश से भविष्यवाणी सुनाई दी, “देवकी का आठवां पुत्र तुम्हारा काल होगा। तुम्हारी मृत्यु उसी के हाथों निश्चित है।” बस उसी दिन से कंस देवकी को मारने के लिए उद्धत हो गया।

इस घटना से चारों तरफ हाहाकार मच गया। अनेक योद्धा वसुदेव का साथ देने के लिए तैयार हो गए। पर वसुदेव युद्ध नहीं चाहते थे। उन्होंने कंस को भरोसा दिलाया कि “देवकी के किसी बच्चे के जन्म लेते ही मैं उसे तुम्हें सौंप दूंगा।”

वसुदेव झूठ नहीं बोलते थे। कंस ने उनकी बातों पर भरोसा कर लिया। उनके समझाने पर कंस का गुस्सा तो शांत हो गया पर उसने वसुदेव और देवकी को कारागार में डाल दिया और सख्त पहरा लगवा दिया।

जैसे ही देवकी ने प्रथम पुत्र को जन्म दिया वसुदेव ने उसे कंस के हवाले कर दिया। कंस ने उसे चट्टान पर पटक कर मार डाला। इस तरह उसने देवकी के छह पुत्रों को मार दिया। देवकी के सातवीं बार गर्भवती होने पर शेषनाग अपने अंश से उसके गर्भ में पधारे।

 

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