Hindi Short Story and Hindi Poranik kathaye on “Kiske hatho mara gya tha Eklavya” Hindi Prernadayak Story for All Classes.

किसके हाथो मार गया था एकलव्य 

Kiske hatho mara gya tha Eklavya

गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को उससे विशेष नेह के चलते वचन दिया था की उसे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बनाऊंगा, इस कारण जब ड्रोन ने वन में एकलव्य को देखा तो वो डर गए। एकलव्य में अर्जुन से भी बड़ा धनुर्धर बनने की लगन देख ही गुरु ड्रोन ने उससे उसका सीधे हाथ का अंगूठा मांग लिया था।

यंहा तक तो सब जानते है पर असल में एकलव्य था कौन? क्या उसने महाभारत का या कोई और युद्ध लड़ा था? उसकी मौत कैसे हुई इस बारे में भी आपमें से कम ही जानते होंगे? असलम में एकलव्य हिरण्यधनुष नाम के भील राजा का पुत्र(राजकुमार) था, जो की मगध के जंगलो में रहता था। एकलव्य के पिता राजा जरासंध से मैत्री पूर्ण संबंध में थे जो की आर्यव्रत के राजनितिक समीकरणों का साक्ष्य था।

जरासंध और कृष्ण की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है, दोनों कट्टर दुश्मन थे। जब भगवान कृष्ण रुक्मणी को लेके भागे थे तो जरासंध शिरुपाल और एकलव्य ने उनका पीछा किया था। कुछ जरासंध द्वारा द्वारका पर आक्रमण करने की घटना के दौरान बताते है। भगवान कृष्ण के द्वारा एकलव्य मारा गया था एकलव्य, क्योंकि जरासंध के साथ उसके पिता के मैत्री सम्बन्ध थे युद्ध में सहभागिता अनिवार्य थी। तब अपने उलटे हाथ से भी वीरता पूर्वक युद्ध करता हुआ मारा गया था एकलव्य।

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