Hindi Short Story and Hindi Poranik kathaye on “Kyo Bhakt Pundalik ne Bhagwan ko kiya int par khada” Hindi Prernadayak Story for All Classes.

क्यों भक्त पुण्डलिक ने भगवान को किया ईंट पर खड़ा।

Kyo Bhakt Pundalik ne Bhagwan ko kiya int par khada

महाराष्ट्र संतो की नगरी है, इस धरती पर असंख्य भक्त हुए जिनते भारत के और किसी भी राज्य में नही हुए है। इन्ही में से एक थे भक्त शिरोमणि पुण्डलिक जिन्हे भगवान विठोबा को इस धरती पर लाने का श्रेय भी है, लेकिन उनकी कहानी भी साधारण नही थी बेहद जटिल थी।

बचपन में काफी लापरवाह थे पुण्डलिक लेकिन माता पिता कृष्ण भक्त थे, एक दिन भारत की सारी नदियों को नारी रूप में देख और अपने माता पिता की भक्ति का चमत्कार देख उनकी ऑंखें खुली और वो भी कृष्ण भक्ति में तल्लीन हो गए लेकिन अपने माता पिता की सेवा में वो भगवान से भी ज्यादा तल्लीन रहने लगे।

एक बार रुक्मणी जी कृष्ण से रुष्ट हो दिंडीरावनत वन में चली आई और वंहा तपस्या करने लगी, तब कृष्ण भी उन्हें मनाने उनके पीछे दौड़े चले आये। लेकिन रुक्मणी जी तपस्या से नही उठी इस पर भगवान ने वंही अपने भक्त के पास जाने का निर्णय किया, भगवान पुण्डलिक की कुटिया में पहुंचे जन्हा वो अपने बीमार माँ बाप (जो की कभी भी स्वर्ग सिधार सकते थे) की सेवा में रत थे उनके पैर दबा रहे थे।

भगवान दरवाजे पे ही खड़े रहे और पुण्डलिक की माता पिता की सेवा से बेहद प्रभावित हुए, भगवान स्वयं दरवाजे पे खड़े है फिर भी पुण्डलिक का ध्यान उनपे नही जा रहा है। तब कृष्ण ने आवाज लगाई की पुण्डलिक में तुम्हारे द्वार पे खड़ा हूँ और तुम्हारा आतिथ्य लेना चाहता हूँ, इस पर पुण्डलिक पलटे और मुस्कुराये।

उन्होंने भगवान से उनकी आतिथ्य करने में असमर्थता जताई और कहा की अभी अभी माता पिता की आँख लगी है और में उन्हें बाधित नही करना चाहता हूँ। इतना कह कर उन्होंने पास में ही पड़ी एक ईंट फेंकी और कहा की इस पर खड़े हो इन्तेजार करें में माता पिता के सोने पर आता हूँ।

लेकिन माता पिता उसी समय स्वर्ग सिधार गए और साथ ही पुण्डलिक भी, तब भगवान ने सोचा की जब भक्त अपने लिए व्यवस्था करके गया ही है तो फिर यंहा से क्यों जाया जाए। तब से भगवान वंही श्रीविग्रह रूप में वंही विराज मान हो गए और उस स्थान का नाम पुण्डलिक पर पड़ा जो बाद में पंढरपुर हो गया जन्हा आज भी विट्ठल नाथ विराज मान है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.