Motivational Story “Sangathan me shakti hoti hai”,”संगठन में शक्ति होती है” Hindi Motivational Story for, Primary Class, Class 10 and Class 12

संगठन में शक्ति होती है

Sangathan me shakti hoti hai

एक बार हाथ की पाँचों उंगलियों में आपस में झगड़ा हो गया| वे पाँचों खुद को एक दूसरे से बड़ा सिद्ध करने की कोशिश में लगे थे | अंगूठा बोला की मैं सबसे बड़ा हूँ, उसके पास वाली उंगली बोली मैं सबसे बड़ी हूँ इसी तरह सारे खुद को बड़ा सिद्ध करने में लगे थे जब निर्णय नहीं हो पाया तो वे सब अदालत में गये |

न्यायाधीश ने सारा माजरा सुना और उन पाँचों से बोला की आप लोग सिद्ध करो की कैसे तुम सबसे बड़े हो? अंगूठा बोला मैं सबसे ज़्यादा पढ़ा लिखा हूँ क्यूंकी लोग मुझे हस्ताक्षर के स्थान पर प्रयोग करते हैं|

पास वाली उंगली बोली की लोग मुझे किसी इंसान की पहचान के तौर पर इस्तेमाल करते हैं| उसके पास वाली उंगली ने कहा की आप लोगों ने मुझे नापा नहीं अन्यथा मैं ही सबसे बड़ी हूँ | उसके पास वाली उंगली बोली मैं सबसे ज़्यादा अमीर हूँ क्यूंकी लोग हीरे और जवाहरात और अंगूठी मुझी में पहनते हैं| इसी तरह सभी ने अपनी अलग अलग प्रशन्शा की |

न्यायाधीश ने अब एक रसगुल्ला माँगाया और अंगूठे से कहा की इसे उठाओ, उंगुठे ने भरपूर ज़ोर लगाया लेकिन रसगुल्ले को नहीं उठा सका | इसके बाद सारी उंगलियों ने एक एक करके कोशिश की लेकिन सभी विफल रहे| अंत में न्यायाधीश ने सबको मिलकर रसगुल्ला उठाने का आदेश दिया तो झट से सबने मिलकर रसगुल्ला उठा दिया |

फ़ैसला हो चुका था, न्यायाधीश ने फ़ैसला सुनाया कि तुम सभी एक दूसरे के बिना अधूरे हो और अकेले रहकर तुम्हारी शक्ति का कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि संगठित रहकर तुम कठिन से कठिन कम आसानी से कर सकते हो|

तो मित्रों, संगठन में बहुत शक्ति होती है यही इस कहानी की शिक्षा है, एक अकेला चना कभी भाड़ नहीं फोड़ सकता

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