Ancient India History Notes on “Battle of Miani”, “मियानी का युद्ध” History notes in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

मियानी का युद्ध

Battle of Miani

मियानी का युद्ध 17 फ़रवरी, सन 1843 में लड़ा गया था। यह युद्ध पुर्तग़ाली और अंग्रेज़ी नौसेना में एडमिरल सर चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में क़रीब 2,800 अंग्रेज़ सैनिकों और सिंध के अमीरों के 20,000 से अधिक समर्थकों के बीच हुआ था।[1]

इतिहास प्रसिद्ध इस युद्ध में अंग्रेज़ों की जीत हुई। विजय के फलस्वरूप अंग्रेज़ों द्वारा सिंध के अधिकतर भाग पर क़ब्ज़ा कर लिया गया।

प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध (1839-1842 ई.) के दौरान अंग्रेज़ों के प्रति अमीर के रवैये के ख़िलाफ़ शिकायतें आई थीं। ब्रिटिश रेज़िडेंट को बंदोबस्त सौंपने के बजाय अंग्रेज़ों ने सितंबर, 1842 में नेपियर को पूर्ण नागरिक एवं सैन्य अधिकार दे दिए।

नेपियर ने सिंध के अमीर पर एक नई कठोर संधि थोपी और रेगिस्तानी इमामगढ़ के क़िले पर क़ब्ज़ा करके उसे नेस्तनाबूद कर दिया। इसके बाद एक जनांदोलन खुले युद्ध में बदल गया।

मियानी में अंग्रेज़ों की जीत हुई। अमीर की सेना बिखर गई और खैरपुर राज्य के अलावा सिंध प्रांत पर क़ब्ज़ा कर लिया गया।

रेज़िडेंट सर जेम्स ऊट्रम ने इस कार्यवाही की आलोचना की और इस तरह जाने-माने विवाद की शुरुआत हुई।

गवर्नर-जनरल लॉर्ड एलनबरो को वापस बुला लिया गया, लेकिन सिंध ब्रिटिश क़ब्ज़े में ही रहा।

 

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