Hindi Poem of Adam Gondvi “Bazahir pyar ki duniya me jo nakam hota he “ , “बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है
Bazahir pyar ki duniya me jo nakam hota he

बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है
कोई रूसो कोई हिटलर कोई खय्याम होता है

ज़हर देते हैं उसको हम कि ले जाते हैं सूली पर
यही हर दौर के मंसूर का अंजाम होता है

जुनूने-शौक में बेशक लिपटने को लिपट जाएँ
हवाओं में कहीं महबूब का पैगाम होता है

सियासी बज़्म में अक्सर ज़ुलेखा के इशारों पर
हकीकत ये है युसुफ आज भी नीलाम होता है

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