Hindi Poem of Adam Gondvi “Garr chand tavarikhi tahrir badal doge“ , “ग़र चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ग़र चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे
Garr chand tavarikhi tahrir badal doge

गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे
क्या इनसे किसी कौम की तक़दीर बदल दोगे ||

जायस से वो हिन्दी की दरिया जो बह के आई
मोड़ोगे उसकी धारा या नीर बदल दोगे ||

जो अक्स उभरता है रसख़ान की नज्मों में
क्या कृष्ण की वो मोहक तस्वीर बदल दोगे ||

तारीख़ बताती है तुम भी तो लुटेरे हो
क्या द्रविड़ों से छीनी जागीर बदल दोगे ||

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