Hindi Poem of Ashok Anjum “  Sabhi rishto se o divaro dar se door rakhta he”,”सभी रिश्तों से औ’ दीवारो दर से दूर रखता है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सभी रिश्तों से औ’ दीवारो दर से दूर रखता है

 Sabhi rishto se o divaro dar se door rakhta he

 

सभी रिश्तों से औ’ दीवारोदर से दूर रखता है,

ये चक्कर पेट का कितनों को घर से दूर रखता है।

अगरचे बोले हम तो सारी जक़डन टूट जाएगी,

वो हमको इसलिए ही इस हुनर से दूर रखता है।

कि मेरे सर पे है मां की दुआओं का घना साया,

यही अहसास मुझको हर इक डर से दूर रखता है।

वहां कुछ मजहबी लोगों के फतवों की दुकानें हैं,

वो अपने नौनिहालों को उधर से दूर रखता है।

ये मेरी परवरिश का ही कोई जिंदा करिश्मा है,

जो मुझको तल्ख मौसम के असर से दूर रखता है।

कहीं ऐसा न हो, वैसा न हो, जो सोचते रहते

ये उनका खौफ उनको हर सफर से दूर रखता है।

 

 

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