Hindi Poem of Ashok Chakradhar “Nanhi Sacchai -Chutputkule, “नन्ही सचाई – चुटपुटकुले ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नन्ही सचाई – चुटपुटकुले – अशोक चक्रधर

Nanhi Sacchai -Chutputkule -Ashok Chakradhar

 

एक डॉक्टर मित्र हमारे
स्वर्ग सिधारे।
असमय मर गए,
सांत्वना देने
हम उनके घर गए।
उनकी नन्ही-सी बिटिया
भोली-नादान थी,
जीवन-मृत्यु से
अनजान थी।
हमेशा की तरह
द्वार पर आई,
देखकर मुस्कुराई।
उसकी नन्ही-सचाई
दिल को लगी बेधने,
बोली-
अंकल !
भगवान जी बीमार हैं न
पापा गए हैं देखने।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.