Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Mujhe chahiye ”,”मुझे चाहिए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुझे चाहिए

 Mujhe chahiye

 

मुझे चाहिए पूरी पृथ्वी

अपनी वनस्पतियों, समुद्रों

और लोगों से घिरी हुई,

एक छोटा-सा घर काफ़ी नहीं है।

एक खिड़की से मेरा काम नहीं चलेगा,

मुझे चाहिए पूरा का पूरा आकाश

अपने असंख्य नक्षत्रों और ग्रहों से भरा हुआ।

इस ज़रा सी लालटेन से नहीं मिटेगा

मेरा अंधेरा,

मुझे चाहिए

एक धधकता हुआ ज्वलंत सूर्य।

थोड़े से शब्दों से नहीं बना सकता

मैं कविता,

मुझे चाहिए समूची भाषा

सारी हरीतिमा पृथ्वी की

सारी नीलिमा आकाश की

सारी लालिमा सूर्योदय की।

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