Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Ek Baras Beet Gya , “एक बरस बीत गया ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

एक बरस बीत गया -अटल बिहारी वाजपेयी

Ek Baras Beet Gya – Atal Bihari Vajpayee

 

एक बरस बीत गया

झुलसाता जेठ मास
शरद चांदनी उदास
सिसकी भरते सावन का
अंतर्घट रीत गया
एक बरस बीत गया

सीकचों मे सिमटा जग
किंतु विकल प्राण विहग
धरती से अम्बर तक
गूंज मुक्ति गीत गया
एक बरस बीत गया

पथ निहारते नयन
गिनते दिन पल छिन
लौट कभी आएगा
मन का जो मीत गया
एक बरस बीत गया

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